क्या रसखान का नाम काटकर – - TopicsExpress



          

क्या रसखान का नाम काटकर – कृष्ण भक्ती काव्या का इतिहास लिखा जा सकता है ? क्या तुलसी की रामायण मे आपको कहीं मुगल दरबार की झलकियां दिखायी नहीं देती ? क्या आपने अनीस के मर्सिये देखे, देखे होंगे तो आपको ये भी मालूम होगा कि पात्रों के नाम भले ही अरबी हों, परन्तु हैं वह अवध नगरी के राजपूत। क्या आपको गालिब का एक शेर सुनाऊं ? जला है जिस्म जहां, दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख, जुस्तुजु क्या है ? यह शेर पढ़कर कौनसी तस्वीर उभरी ? क्या आपने नजीर अकबर आबादी की नज्म होली पढ़ी है ? क्या आपने गोलकुण्डा के कुतुब शाही बादशाहों की मस्जिद देखी है ? उसके खंभे कमल के तराशे हुऐ फूलों पर खड़े हैं और उसकी मेहराबों में आरती के दीये खुदे हुऐ हैं। क्या आप जानते हैं कि अमीर खुसरो की मां राजपुतानी थी ? क्या आपने देखा है कि मुहर्रम पर दशहरे की छाप कितनी गहरी है ? क्या आपने बड़े गुलाम अली खां, बेगम अख्तर, रसूल बाई, करामत अली खां, फैय्याज खां, अकबर अली खां, बिसमिल्लाह खां, अमजद अली खां, अहमद जान थिरकवा, अल्लाह रक्खा खां .....वगैरा के नाम सुने हैं ? हिंदुस्तान को मिटाने में कोर कसर छोड़ने की बात न कीजिये। हिंदुस्ताम के मुसलमानों ने हिंदू संस्कृति और सभ्यता को खून ऐ दिल से सींचकर भारतीय संस्कृति और भारतीय सभ्यता बनाने में बड़ा योगदान किया है। Wasim Akram Tyagi Admin - 10
Posted on: Mon, 24 Jun 2013 16:28:55 +0000

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