जब तक इशरत जहां की मौत के तार मोदी से जुड रहे थे तब तक मुसलमान मित्र बड़ा हल्ला मचा रहे थे कि इसकी ढंग से जाँच होनी चाहिए, पर जब ढंग से जाँच होनी शुरू हुई तथा इशरत का आंतकवादी होना तथा खुद कांग्रेस और कांग्रेसिओं का इसमें हाथ होना सिद्ध हो गया, तब एक भी मुसलमान मित्र अब कुछ नहीं बोल रहा है ? क्या ये दोगलापन नहीं है ??
Posted on: Sat, 29 Jun 2013 09:01:43 +0000
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