दोस्तों इस पोस्ट के ज़रिए - TopicsExpress



          

दोस्तों इस पोस्ट के ज़रिए मै उन लोगो को कुछ बाताना चाहता हूँ। जो पेज पर आ के एसी भाषा का प्रयोग करते है जो उनके दिमाग़ी दिवालियेपन को बयान करता है। मै इस पोस्ट मे उर्दू का कम शुद्ध हिन्दी का ज्यादा इस्तेमाल करूंगा ताकि वो अपनी तारीफ़ समझ सकें। जैसा कि कुछ दिन पहले हमारे एक ऐडमिन ने पोस्ट की थी। जो काँवडियों द्वारा एक विदेशी महिला से शर्मनाक हरक़त के बारे मे थी। एडमिन ने वो पोस्ट अमर उजाला के वैबसाइट लिंक के साथ डाली इस पर भी कुछ मूर्ख ये कह रहे थे कि ये ख़बर झूठी है। और ये बिकाऊ मीडिया है। अब कोई मुझे ये बताए कि ये इन्ही के मीडिया को बिकाऊ कह रहें है चलो मान लिया कि मीडिया बिकाऊ है पर क्या वो ये बताएंगे कि इसे ख़रीदा किसने?? और जब यही मीडिया इस्लाम और मुसलमान के बारे मे लिखती या जो ग़लतफहमियां पैदा करता है। क्या तब बिकाऊ नहीं होती ?? तब चड्ढीधारी और राष्ट्रवादी कहलवाने वालो की जो प्रतिक्रिया होती है किसी कुत्ते से कम नही होती। आज फ़ेसबुक पे इस्लाम विरोधी पेजों कि संख्या एंटी हिन्दू पेजों से तीन गुना ज्यादा है। जिनकी पोस्टि उनके दिमाग़ी ग़ंदगी को बयान करती है। मै उन लोगों को ये राय देता हूँ कि अगर उन्हे पेज से कोई तकलाफ़ है तो पेज को अनलाइक कर के शांति से बैठें बरना ज़ख्मी शेर बहुत ख़ूंख्वार होता है। हमे उकसाए न तो उनका ही फ़ायदा है। मै अपनी बात कहने मे कोई झिजक महसूस नही करता इसलिए पोस्ट मे कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहा हूँ। जो शायद उनके पिछवाड़े मे मिर्च की तरह लगें। पर एसा लिखने की वजह है। उनके द्वारा हमारे पेज पे दिया गया उनके कमनस्ल होने का परिचय यानी की गई गाली गलौच। जिसकी वजह से वो पोस्ट हटानी पड़ती है क्योंकि हम अपने पेज को किसी तरह की सामप्रदाईक लड़ाई को बढ़ावा नहीं देना चाहते पर हद तो तब हो जाती है जब ये हमारी धार्मिक पोस्ट पर भी अपने संस्कार और पारिवारिक गंदगी का परिचय देते है। हम धर्म के विषय मे किसी चीज़ का लिहाज नही करेंगे। वो जो भी हों उन मर्यादा पुरषोत्तम से हमारी सादर विनती है कि कृप्या वे हमे अपने दोगलेपन और हरामख़ोरी से अवगत करने का भारी कष्ट न करें। हम और हमारे पेज मैम्बर इस से भली भांति परिचित हैं। ऐडमिन 12
Posted on: Fri, 09 Aug 2013 16:00:03 +0000

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