न मुझे हिंदी से प्यार है, न कोई खास लगाव. न ही इस भाषा की कोई खूबसूरती मुझे आकर्षति करती है. मेरे हिंदी में पत्रकारिता करने का कारण सिर्फ एक ही है- मैं जिन लोगों के बारे में सोचता हूँ, जो मेरे लिए मायने रखते हैं, जिन तक मैं पहुँचना चाहता हूं उनकी भाषा हिंदी है. और इसलिए ही मेरे लिखने की भाषा भी हिंदी ही है.
Posted on: Sat, 14 Sep 2013 15:15:58 +0000
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