बात बड़ी ही विचित्र है, 1992 में बाबरी विध्वंस, हिन्दुओ की शक्ति से पूरा देश एकजुट हुआ और हिन्दुओ ने अपनी एकता का जबरदस्त परिचय दिया, तब तक साईं नहीं था, 1997-98 के बाद साईं का प्रभाव शुरू हुआ, 1992 में समाज में विघटन या सामाजिक मूल्यों में पतन कम था, आज पुरे देश में साईं का प्रभाव है, उसके बाद भी, जगह जगह बलात्कार, हत्याए, लुट मार, भ्रष्टाचार, हर तरफ आक्रोश, असंतोष, अनीति, अत्याचार, चारो और निराशा, हताशा, लोगो में वैमनस्य, घृणा, साईं का जैसा जैसा प्रभाव बढ़ता गया समाज में पतन होता गया, कारण - धर्म की हाय हाय और अधर्म की जय, राम को भूल कर राम नाम के सहारे साईं को प्रचारित किया गया, आज उसी साईं के लिए लोगो ने राम नाम तक को गलियाँ देनी शुरू कर दी है, जो साईं आज से 10 साल पहले शिर्डी में एक गली तक सिमित था, आज वो भारत के हर राज्य, हर जिले, हर गाँव में पहुँच गया है, साईं के साथ साथ पुरे देश में भ्रष्टाचार, अनीति, अनाचार, व्यभिचार, चोरी डकैती, पक्षपात पुरे देश में फ़ैल गया, जब तक राम थे तक तक धर्म था, अब राम की आड़ में साईं घुस गया, धर्म की चादर ओढ़ कर अधर्म देश में फैला और देश का पतन होता गया, यदि देश को बचाना है, सनातन धर्म को बचाना है तो साईं को समाप्त करना होगा, साईं की असलियत घर घर तक लोगो को बताओ, जब तक साईं रहेगा देश ऐसे ही पतन की और बढ़ता रहेगा, जय जय श्री राम जय सनातन धर्म,
Posted on: Fri, 12 Jul 2013 09:00:53 +0000
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