*** बाते जो मुसलमानो को याद - TopicsExpress



          

*** बाते जो मुसलमानो को याद रखनी चाहिए! [Things that should be remember by every Muslim] *** कोई मुसलमान अच्छा मुसलमान बन ही नही सकता अगर वो अच्छा इंसान ना हो! [Dr. Zakir Naik, Islams Biggest Scholar in the World] अल्लाह उन्हे पसंद करता है जो सॉफ-सुथरे (Hygeinic) रहे और नेक काम करे! [क़ुरान] तेज आवाज़ मे बात मत किया करो क्योंकि जो चिल्लाकर बात करता है उसकी आवाज़ उतनी ही बेसुरी है जितनी किसी गधे या खच्छर की! [क़ुरान] जब तुम नमाज़ पड़ो तो यह सोच कर पड़ा करो की तुम अल्लाह को महसूस कर सकते हो अगर तुम ऐसा ना कर सको तो यह सोच कर नमाज़ पड़ा करो की अल्लाह तुम्हे देख रहा है! [पेगंबर मुहम्मद] सच्चा मुसलमान वो है जो अपनी ज़ुबान किसी की बुराई के लिए ईस्तमाल न करे और न ही दो टाँगो के बीच की चीज़ का ग़लत ईस्तमाल करे! [पेगंबर मुहम्मद] दाढ़ी रखने या टोपी पेहेन्ने से कोई मुसलमान नही बनता! क़ुरान मे इन दोनो का कोई ज़िक्र नही है! ना ही यह दोनो फ़र्ज़ है! यह सिर्फ़ पहचान के तौर पर ईस्तमाल होती है! मरने के बाद हमे नहलाया जाता है और हमारे शरीर के सभी बालो को shave किया जाता है! ज़रा सोचो इस के बारे मे! नफ़रत का जवाब नफ़रत से मत दिया करो! तुम्हारी रक्षा सिर्फ़ क़ुरान ही कर सकती है! अगर कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति तुम्हे या तुम्हारे धर्म के बारे मे ग़लत कहे तो उसे क़ुरान की आयतो के ज़रिए जवाब दो! वो व्यक्ति दिल मे तुम्हारी इज़्ज़त करेगा मगर तुम्हे बताएगा नही! इस्लाम रूहानी (Spiritual) है! हमे अल्लाह को याद करने के लिए तस्वीर, मस्जिद या किसी इमारत की ज़रूरत नही है! अगर तुम सफ़र कर रहे हो और नमाज़ का वक्त हो जाए तो खुले आसमान के नीचे नमाज़ पड़ा करो! मस्जीदो से हमे पस्चिम दिशा का पता चलता है और वाहा अल्लाह की बाते होती है! जब हम बड़े हो जाते है तो हमे पता होता है की जहा सूरज डूबता है वो पस्चिम दिशा है! मे खुद कई बार खुले आसमान के नीचे नमाज़ पड़ता हू! जिससे मे अपने आप को खुदा के बहुत करीब पाता हू! जब हवा मुझसे टकराती है तो मुझे ऐसा लगता है जैसे अल्लाह मुझे कुछ बताना चाहते है! सच्चा प्यार और सच्ची दोस्ती मज़हब देख कर नही होती! दूसरे धर्म के लोगो के साथ दोस्ती करने मे कोई परहेज़ नही है अगर वो अच्छे इंसान हो! क्योंकि क़ुरान मे लिखा है अगर कोई एक अल्लाह (Unseen God) को माने और नेक कम करे वो चाहे किसी भी धर्म का हो क़यामत के दिन उदास नही होगा! मे बहुत से हिन्दुओ से मिला हू जो दिल मे एक अल्लाह को मानते है, इसमे कोई परहेज़ नही अगर वो उसे भगवान कहे! उनमे से बहुत अच्छे इंसान भी होते है! वो पूरी तरह न सही मगर मुस्लिम होते है! जब कोई किसी से सच्चा प्यार करता है तो वो अपने आप को अल्लाह के बहुत करीब पाता है! Love is the Shortcut to reach to Allah. क़ुरान मे भी प्यार का ज़िक्र है इसके लिए आपको मेरी पोस्ट जिसका नाम है Women in Islam पड़नी पड़ेगी! जिसमे लिखा है की अल्लाह ने मर्द और औरत को एक ही रूह (आत्मा) से बनाया है! और उनमे दया और प्यार को पैदा किया है! सच्चा प्यार वही कर सकते है जो अच्छे इंसान हो! जो विनर्म होते है! यह याद रखना की लैला मज़नू और हीर रांझा मुसलमान ही थे!
Posted on: Sun, 01 Dec 2013 11:16:28 +0000

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