भारतीय संस्कृति ज्ञान - TopicsExpress



          

भारतीय संस्कृति ज्ञान बाटने से बढता है जब कोई भी वेदेशी कंपनी भारत आती है तो उसका दबाव हमारी सरकार पर ये होता है के रूपये कीमत कम हो और डॉलर कीमत बड़े।मतलब रूपये के मुकाबले डॉलर मजबूत हो ।सन 1947 में 1 डॉलर 1 रुपया के बराबर था और अब 2013 में 50 है अब जाने इसका असर क्या पड़ता है।अगर मैं सन 1947 मैं 20रूपए की कीमत के 10 किलों आम export करता हु और मुझे पर किलो 50 रूपये कमाने है तो 10 किलो पे नेट profit 500+200 रूपये है यानी की 700 $ भारत आये।और यही काम अगर मैं आज की तारीख मैं करू जब 1 डॉलर 50 रूपए का है तो 10 किलो पे नेट profit 500+200 रूपए है लेकिन अब 700 $ नहीं केवल 14 $ भारत आये यानी की विदेशियों को 686 $ का नेट profit और यही में अगर import करता हु सन 1947 में 1 किलो पर यदि उनको 50 $ कमाने है तो मुझे 700 रुपए देने पड़ते ।और अगर आज की तारीख मैं import करता हु जब 1 डॉलर 50 रूपये का है तो मुझे 10 किलो के लिए 35000 रूपये चुकाने होंगे यानि की 34300 रूपये का नेट loss है । यही 35000 कमाने के लिए मुझे आज की तारीख मैं 500 किलो आम export करना पड़ेगा ।अब हम import करे या export दोनों में ही हमे घाटा है जब रुपये का मूल्य 1 डालर=47 रु था तब भारत का कर्जा 34 लाख करोड़ था और आज 1 डालर =64/- होने से यह कर्जा अपने आप ही 34 x 64 /47 = 46,00,000 करोड़ हो चूका है अगर ये सरकार सिर्फ विदेशो में जमा काला धन ही राष्ट सम्पति घोषित कर दे तो शायद आज की तारीख मैं 1 रूपया =1 डॉलर हो जाये तो भी ठीक है सोचो अगर 1 रूपया =50 डॉलर हो जाये तो भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जाएंगा इसके लिए हम सब को आवाज़ उठानी पड़ेगी।आपने स्वयं और अपने परिवार के लिए सब कुछ किया, देश के लिए भी कुछ करिये, क्या यह देश सिर्फ उन्ही लोगो का है जो सीमाओं पर मर जाते हैं??? सोचिये......
Posted on: Mon, 26 Aug 2013 05:08:05 +0000

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