मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि सचिन ने ऐसा क्या कर दिया, जो पूरा देश सचिन-सचिन कर रहा है। सचिन ने शुक्रवार को अपना आखिरी मैच खेला तो पूरा देश टीवी से चिपका रहा। जब तक सचिन आउट नहीं हुआ तब तक टीवी से हटे नहीं और आउट हुआ तो कइयो के चहरे पर... उदासी छा गई। कइयो ने घंटो आंसू बहाये और अभी तक लोगो के दिल, दिमाग और मुह पर सचिन छाया हुआ है, लेकिन सीमा पर रोज देश की रक्षा करते हुवे भारत माँ के कई लाल, सैनिक शह...ीद होते है तब किसी कि आँखों में आंसू नहीं होते है। गिने चुने लोगो के ही आँखों में आंसू आते है बहुत कम ऐसे देशवासी- देशभक्त होते है, जो सैनिको के लिए आंसू बहाते है और उनके बलिदान को या करते है। यही कारण है कि जनता के खून पसीने की कमाई पर ऐश करने वाले सचिन को भारत रत्न और देश की सीमा पर शहीद होने वालो को बाबाजी का ठुलू दिया जाता है। उन्हें इस देश में दफ़नाने के लिए जगह तक नहीं मिलती है। उनके टुकड़े टुकड़े करके दुश्मन ले जाते है, लेकिन ये देश चुप रहता है। देश की सीमा पर घुसपेट होती है। रोज गोलीबारी होती है तब देश के सरे जिम्मेदार सोये रहते है और जब सचिन ने अपना आखिरी मैच खेल तो देश के जिम्मेदारो में शुमार राहुल गांधी भी मैच देखने मैदान तक पंहुच गये। मैं पुरे दावे के साथ कहता हु कि जिस तरह पूरा देश शुक्रवार को सचिन के लिए दिन भर भाग दौड़ करता रहा, उसी तरह अगर इस देश के लिए एक घंटा भी सीना तानकर खड़ा हो जाये तो इस देश के सैनिको के सिर कट कर ले जाना तो दूर इस देश की तरफ किसी की आंख उठाने की हिम्म्त नहीं होती। ---अब मैं एक सवाल पूछता हु कि भारत रत्न सचिन को मिलना चाहिए या देश के उन नौजवानो को जो देश कि सीमा पर लाख दुःख भोगकर भी देश कि रक्षा करते है ? ---दूसरा सवाल कि सचिन को भारत रत्न क्यों दिया गया ? ---क्या सचिन ने ऐसा देश का उद्धार कर दिया जो सचिन को भारत रत्न दिया गया है ? ---अगर सचिन को देश रत्न तो आजादी की लड़ाई के लिए लड़ कर बलिदान देने वाले भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाषचंद्र बॉस जैसे देशभक्तो को सम्मान क्यों नहीं ? उनकी याद दो मिनट का मौन तक क्यों नहीं ? ---न्यूज़ चैनलो एंव अखबारो में सचिन, अम्बानी सहित अन्य लोगो के लिए उनके जन्म दिन व् उनकी शादी की सालगिरह पर लम्बा चौड़ा कवरेज और ीदो के दिन या उनकी पुण्य तिथि पर ढंग की ४ line भी क्यों नहीं ?
Posted on: Tue, 19 Nov 2013 16:04:02 +0000