मुल्ला नीतिश को बिहार के बच्चों की मिड डे मौत पर उतना अफसोस नही जितना की बिहार की बेटी इसरात जहॉ की मौत पर..... देखत देखत हार गया मैं इन सेकुलरों के रंग किन्नरों जैसी चाल है और बेशर्मो से है ढंग....... इसरत जहा के विषय मे बात करने पर मुल्लों का वोट बढ़ेगा...और मिड डे मील की बात से वोट बैंक का कोई रिश्ता नहीं है ... अगर ये मौत का तांडव "मदरसे" में हुआ होता तो क्या प्रतिक्रिया होती नितीस खान की ...? नितीश खान को बार बार मदरसे जाने का दौरा पड़ता॥!! ये देशी मियां है ..... कसाई नितीस टोपी पहनाने वाला है ...बिना खतना वाला सेकुलर
Posted on: Thu, 18 Jul 2013 07:12:32 +0000