मेरी शादी को सत्ताइस साल हो गए है मैने कभी अपनी पत्नी के हाथ से बने खाने की तारीफ नहीं की।। एक दिन निर्मल बाबा ने सलाह दी.. की पत्नी के खाने की तारीफ करो कृपा होगी बाबा की बात मुझ पर असर कर गयी घर आकर पराठे खाकर मैने तारीफ की बरसात कर दी।। पत्नी ने बेलन उठाया और भरी ठंड में कान के पास बजाते हुए बोली -: सत्ताइस साल से मेरे खाने की तारीफ नहीं की, और आज पड़ोसन ने पराठे क्या भेज दिए तो आपको ज़िन्दगी का मज़ा ही आ गया मैं मन ही मन में बोला-- : बाबा हो गयी.. कृपा :P =D
Posted on: Sun, 01 Dec 2013 10:17:51 +0000
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