वो थो ठीक है चारों को फांसी हुई पर ..... - सबसे खतरनाक अपराधी ”मोहम्मद अफरोज" जिसने अपने हाथो से दामिनी की आंत निकाल कर बस से बाहर फेक दी और जिसके कारन दामिनी की मौत हुई उसको भी फांसी दो! जिसने बाकी चारों को उकसाया वह कुछ महीनों से सज़ा से बच गया. दामिनी की मौत बलात्कार के कारन नहीं बल्कि उस दरिन्दे के कारन हुई, जिसने उसके शरीर में हाथ घुसा कर उसकी आंत को निकाल कर बस से बाहर फेक दिया था। उसके बाद इस दरिन्दे के ही कहने पर दामिनी को बस के निचे कुचल कर मारने की कोशिश की गयी। अगर क़ानून में उम्र को लेकर बदलाव हुआ होता तो ... - ये केस तो दुर्लभ केस था , बाकी केस तो चलते ही रहते है. किसी की तो रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होती. पुलिस से आम जनता डरती है , अपराधी नहीं. - बहादुर लड़की का दोस्त तो मस्त एनजीओ चलाकर पब्लिसिटी और शायद धन भी लूट रहा है. अपने आप को उसका मंगेतर तक नहीं बताता . जान तो लड़की की गई. - ऐसे अपराध को बढ़ावा देने वाले तत्व यानी फ़िल्में , अखबार , विज्ञापन ऐसी ही ख़बरों के बीच आ कर अभी भी मुंह चिढा रहे है. - जब तक वीआईपियों की सुरक्षा से फुर्सत पा कर पुलिस सड़कों पर गश्त नहीं करती साथ ही उसे शस्त्र और अधिकार नहीं दिए जाते ; पश्चिमी कुसभ्यता का दुष्प्रचार रोका नहीं जाता ऐसी ख़बरें आती ही रहेंगी.
Posted on: Sat, 14 Sep 2013 04:38:49 +0000
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