हिंदी-दिवस विशेष.. ====================================== अगर कोई मुझसे पूछे कि तुम्हे हिंदी भाषा पर सबसे ज्यादा दया कब आती है ... . . तो मेरा जवाब है कि जब भी मैं तमिल या दक्षिण भारतीय गानों के हिंदी संस्करण सुनता हूँ तब..... (अपनी भाषा में ये गीत बेमिसाल होते हैं) . उनमे हिंदी शब्द ऐसे ठूंस-ठूंस कर डाले होते हैं कि बेचारे हिंदी शब्दों पर दया आने लगती है....ऐसा लगता है कि वो बेचारे सांस भी ना ले पा रहे हों.... . गाने की लय में फिट बैठाने के लिए उन बेचारों के साथ भयंकर बलात्कार किया जाता है...ना चाहते हुए भी उन्हें उन बेमेल शब्दों के साथ गुजारा करना पड़ता है जिनके साथ उनका दूर का रिश्ता भी नहीं है..... . कई बार मन करता है कि इन डब्ड गानों के लेखक कहीं मिल जाएँ तो एक चमाट लगाऊं कान के नीचे.....
Posted on: Sat, 14 Sep 2013 12:01:38 +0000
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