Deepawali or Diwali Poojan Ki Samagri Following is the list of - TopicsExpress



          

Deepawali or Diwali Poojan Ki Samagri Following is the list of important materials (samagri) required to perform Maha Lakshmi Puja, Kuber Puja, Tula Maan and deepawali puja . And also Ganesh Puja, Navagrah Puja, Shodashmatruka Puja, MahaKaali Puja, Maha Sarswati Puja, 1. Lakshmi and Ganesha मूर्तियां 2. Gold and/or Silver coin embossed with picture of Goddess Lakshmi, new Currency notes 3. Vastra (new cloth) for Laxmi & Ganesh 4. चौकियां 5. Cash Register/Accounts Books 6. Coins’ Bag 7. Pen 8. Ink Pot (Black) 9. थालियां 3 10. Dhoop धूप , Agarbati 11. Pure Ghee, Curd, Honey, Pure Water ( Ganga Jal) 12. Panchamrit पंचाम्रत (Mixture of Milk, Curd, Honey, Sugar, Ghee) 13. Turmeric Powder हल्दी चूना 14. रोली Kalawaa, Attar - (Scent) 15. Kalash, 2 mtr white and red cloth (each) 16. handy towel 17. कर्पूर, नरीयल (coconut with water) and Gola 18. Dry Fruits, Flowers including Lotus 19. Durvaa 20. Betel leaves, betel nuts 21. Bataashe, Khaand ke Khilone, Sweets 22. Sarees 23. Kheel, Loung, choti Elaichi, mango tree leaves 24. Kesar, Sindoor, Kumkum 25. Vandanvaar वन्दनवार for entrance Gate 26. Sankha - Conch 27. Ghanta - bell 28. Jewelleries -golden/silver articles (if available) 29. Abhishek Patra 30. Utensil/Bowl (½ Gallon) (Stainless Steel/Plastic) for keeping used water 31. 5 types of Fruits (Mango, Banana, Apple, Orange, Grapes, Pear, Peach etc…) 32. Janve Jod (Pair of Holy thread) 33. Akshata (Rice Grains mixed with Kumkum) - (250 gms) 34. Ashtagandha (Scented Orange Powder) 35. Chandan (Sandlewood) 36. Flower Garland (For murti & photos of dieties used in pooja) 37. Plates / Trays (Stainless steel/plastic) for keeping the Pooja Material 38. मिटी के small/big Diyas 39. cotton wicks रुइ 40. Mustard oil and Match box Initial Puja and Preparation Diwali दीपावली के दिन शुभ मुहूर्त Muhurta में घर में या दुकान में, पूजा घर के सम्मुख चौकी बिछाकर उस पर लाल वस्तर बिछाकर लछ्मी-गणेश की मुर्ति या चित्र स्थापित करें तथा चित्र को पुष्पमाला पहनाएं। मुर्तिमयी श्रीमहालछ्मीजी के पास ही किसी पवित्र पात्रमें केसरयुक्त चन्दनसे अष्टदल कमल बनाकर उसपर द्रव्य-लछ्मी (रुपयों) को भी स्थापित करके एक साथ ही दोनोंकी पूजा करनी चाहिये। पूजन-सामग्री को यथास्थान रख ले। पूजन के लिये पूर्व east या उतर north की और मुख करके बैठें। इसके पश्चात धूप, अगरबती और ५ दीप (5 deepak) शुध्द घी के और अन्य दीप सरसों के तैल (musturd oil) से प्रज्वलित करें। जल से भरा कलश Kalash भी चौकी पर रखें। कलश में मौली बांधकर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह अंकित करें। तत्पश्चात श्री गणेश जी को, फिर उसके बाद लछ्मी जी को तिलक करें और पुष्प अर्पित करें। इसके पश्चात हाथ में पुष्प, अक्षत, सुपारी, सिक्का और जल लेकर संकल्प sankalp करें। Sankalp मैं (अपना नाम बोलें), सुपुत्र श्री (पिता का नाम बोलें), जाति (अपनी जाति बोलें), गोत्र (गोत्र बोलें), पता (अपना पूरा पता बोलें) अपने परिजनो के साथ जीवन को समृध्दि से परिपूर्ण करने वाली माता महालछ्मी (MahaLakshmi) की कृपा प्राप्त करने के लिये कार्तिक कृष्ण पक्छ की अमावस्या के दिन महालछ्मी पूजन कर रहा हूं। हे मां, कृपया मुझे धन, समृध्दि और ऐश्वर्य देने की कृपा करें। मेरे इस पूजन में स्थान देवता, नगर देवता, इष्ट देवता कुल देवता और गुरु देवता सहायक हों तथा मुझें सफलता प्रदान करें। यह संकल्प पढकर हाथ में लिया हुआ जल, पुष्प और अक्षत आदि श्री गणेश-लछ्मी (Shree Ganesha-Laxmi) के समीप छोड दें। Step by step Poojan इसके बाद एक एक कर के गणेशजी (Ganesha), मां लछ्मी (Mata Laxmi), मां सरस्वती (Accounts Books/Register/Baheekhaata), मां काली (Ink Pot Poojan ), धनाधिश कुबेर Lord Kuber(Tijori/Galla), तुला मान की पूजा करें। यथाशक्ती भेंट, नैवैद्य, मुद्रा, वस्तर आदि अर्पित करें। दीपमालिका पूजन Deepak Poojan किसी पात्रमें 11, 21 या उससे अधिक दीपों को प्रज्वलित कर महालछ्मी MahaLakshmi के समीप रखकर उस दीप-ज्योतिका “ओम दीपावल्यै नमः” इस नाम मंत्रसे गन्धादि उपचारोंद्वारा पूजन कर इस प्रकार प्रार्थना करे- त्वं ज्योतिस्तवं रविश्चन्दरो विधुदग्निश्च तारकाः सर्वेषां ज्योतिषां ज्योतिर्दीपावल्यै नमो नमः Deepamaalika दीपमालिकाओं का पूजन कर अपने आचार के अनुसार संतरा, ईख, पानीफल, धानका लावा इत्यादि पदार्थ चढाये। धानका लावा (खील) गणेश Ganesha, महालछ्मी MahaLaxmi तथा अन्य सभी देवी देवताओं को भी अर्पित करे। अन्तमें अन्य सभी दीपकों को प्रज्वलित कर सम्पूर्ण गृह अलन्कृइत करे। Aarti and Pushpanjali गणेश, लछ्मी और भगवान जगदीश्वर की आरती Aarati करें। उसके बाद पुष्पान्जलि अर्पित करें, छमा Kshamaa प्रार्थना करें। Aarti and Pushpanjali mantras for goddess Lakshmiji has already been given somewhere in this site. Visarjan पूजनके अन्तमें हाथमें अक्षत लेकर नूतन गणेश एवं महालछ्मीकी प्रतिमाको छोडकर अन्य सभी आवाहित, प्रतिष्ठित एवं पूजित देवताओं को अक्षत छोडते हुए निम्न मंत्रसे विसर्जित करे- यान्तु देवगणाः सर्वे पूजमादाया मामकीम् इष्टकामसमृध्दयर्थं पुनरागमनाया च Please Note: मंदिर, तुलसी माता, पीपल आदि के पास दीपक जलाना नहीं भुलना।
Posted on: Sun, 19 Oct 2014 05:28:53 +0000

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