HOW MANY OF U KNOW ABT 1989 KIDNAPPING OF RUBAIYA SAYEED ?? - TopicsExpress



          

HOW MANY OF U KNOW ABT 1989 KIDNAPPING OF RUBAIYA SAYEED ?? WAS IT A PRE PLANNED STRATEGY TO FREE 5 TERRORIST ?? WAS MUFTI MOHAMMED SAYEED, PDP ( THEN HOME MINISTER OF INDIA) RESPONSIBLE ?? The 1989 kidnapping of Rubaiya Sayeed was an act carried out by members of the Jammu Kashmir Liberation Front, a Kashmiri Muslim militant organization, on December 8, 1989 in Jammu and Kashmir. Rubaiya was the daughter of Mufti Mohammad Sayeed, then the Home minister of India in the V. P. Singh government. The kidnappers demanded the release of five of their comrades in exchange for Rubaiyas release. The government accepted their demands and freed the jailed terrorists. Rubaiya was kidnapped within five days of her father becoming the first Muslim Minister for Home Affairs (India) Representatives of the Jammu and Kashmir Liberation Front telephoned the local newspaper Kashmir Times at about 5:30 p.m., stating that their group’s mujahideen had kidnapped Dr Rubaiya Sayeed, and that she would remain their hostage until the government released Sheikh Abdul Hameed, a JKLF “area commander” Ghulam Nabi Butt, younger brother of the late Maqbool Butt; Noor Muhammad Kalwal; Muhammed Altaf; and Javed Ahmed Zargar EX- SEPARATIST LEADER HILAL WAR HAS WRITTEN A BOOK AND COMPLETELY EXPOSED PDP LEADER , NC LEADERS. PLZZ SHARE !! दरअसल, कश्मीर को अस्थिर करने की पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी। इसका असली रूपांतरण 13 दिसंबर 1989 को हुआ। कश्मीरी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के बारे में भी हमारी गुप्तचर ऐजेंसियों के पास जो जानकारी है, वह अपने आप में उनके लिए एक प्रमाणपत्र है कि वह कितने देशप्रेमी है। फिर इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि ऐसा व्यक्ति हमारे देश का गृहमंत्री बना और कश्मीर का मुख्यमंत्री। और यही वो समय था जब कश्मीर के हालात बिगड़ने शुरु हो गए। 90 के दशक इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो कश्मीर के हालत ठीक-ठाक थे। अलगाववादी नेता हिलाल वार की ‘ग्रेट डिस्क्लोजर सीक्रेट अनमास्क्ड’ पुस्तक में पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया गया है। हिलाल वार के अनुसार आतंकवाद की शुरुआत करने वाले बहुचर्चित रुबिया सईद अपहरण कांड, जो तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी थी, असल में एक ड्रामा था जो राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए रचा गया था। रियासत में आतंकी हिंसा को बढ़ावा कब मिला? आईसी 814 विमान को हाईजैक कर कंधार ले जाकर आतंकी कमांडरों को रिहा कराने की साजिश को किसने प्रोत्साहित किया? जवाब अकसर यही आता है कि अगर 13 दिसंबर, 1989 को सरकार ने आतंकियों के आगे झुकने से इंकार करते हुए रुबिया सईद को रिहा ने कराया होता तो शायद कश्मीर में आतंकी हिंसा 1990 के दशक के प्रारंभ में ही समाप्त हो जाती। किताब के पृष्ठ नंबर 289 पर हिलाल वार ने साफ शब्दों में लिखा है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद को लगता था कि जम्मू-कश्मीर की सियासत से उनका पत्ता साफ करने के लिए शेख अब्दुल्ला का खानदान जिम्मेवार है इसलिए जब वह केन्द्र में गृहमंत्री बने तो उन्होंने उसी समय फारुक अबदुल्ला की सरकार गिराने की साजिश रचनी शुरु कर दी थी। हिलाल वार ने इसी पृष्ठ पर आगे लिखा है कि इसके बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक और योजना बनाई। इसके तहत जेकेएलएफ के संस्थापक सदस्यों में से एक और1965 में कश्मीर के प्रमुख अलगाववादियों में से एक मियां सरवार को जेकेएलएफ के तत्कालीन कमांडर मोहम्मद यासीन मलिक से मिलने और उसे रुबिया सईद के अपहरण का ड्रामा करने के लिए कहा गया। इसके बाद दिसंबर 1989 के पहले सप्ताह में किसी रात राज्य पुलिस के तत्कालीन डीजी गुलाम जिलानी पंडित के मकान पर एक गुप्त बैठक हुई। इसमें मियां सरवर,यासीन मलिक और डॉक्टर गुरु शामिल हुए। इसी बैठक में अपहरण के ड्रामे की रुपरेखा तैयार करते हुए फैसला किया गया कि मुफ्ती मोहम्मद सईद की डॉक्टर बेटी रुबिया सईद ललदेद अस्पताल से एक सार्वजनिक मिनी बस में बैठकर घर के लिए रवाना होगी। FOR FURTHER READING : bhaskar/news-hf/JK-JAM-jk-poll-2014-pdp-4809984-PHO.html?seq=6
Posted on: Tue, 18 Nov 2014 09:05:53 +0000

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