Jitendra Pratap Singhआपने पंचतन्त्र की वो कहानी जरुर पढ़ी होगी ..जिसमे एक हाथी को कई अंधे छुते है तो उसकी व्याख्या अपने अपने अनुसार करते है ... कोई उसकी टांग पकडकर खम्भा कहता है तो कोई उसका कान छुकर उसे सूप कहता है ..गाँधी जी भी एक हाथी है .. और मै एक अंधे की तरह उनके विचारो को पढ़ता हूँ तो मै यही महसूस करता हूँ की वो अपने जमाने के जाने माने सेल्समेन और मार्केटिंग के उस्ताद थे ..सोचिये जिस व्यक्ति ने खुद पूरीजिन्दगी एक सेकेण्ड के लिए भी टोपी नही पहनी ..वो करोड़ो लोगो को अपने नाम की "गाँधी टोपी" पहना गया ...आज भी जितने कुकर्मी है वो इसी सफेद गाँधी टोपी की आड़ में अपना कुकर्म करते है .. चाहे वो कल जेलजाने वाला भ्रष्टाचारी रशीद मसूद हो या गाँधी टोपी पहने तीन तीन लडकियों के साथ बेड पर कामलीला करता नारायण दत्त तिवारी हो ..या फिर गाँधी टोपी पहने पराई औरत एडविना के साथ किसी लम्पट और लुक्खे के समान इश्कबाजी करता नेहरु हो या फिर आज के जमाने में केजरीवाल हो
Posted on: Wed, 02 Oct 2013 07:24:43 +0000
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