Subhash Chandra > tet merit se group Brijesh Rajput अजय - TopicsExpress



          

Subhash Chandra > tet merit se group Brijesh Rajput अजय सिसोदिया जी की डिमाण्ड पर प्रस्तुत----- Ajay Sisodia- ATTENTION PLZ....ek sawal ..krpya budhizivi log apne coments jarur de.. 20 ko court ka discion kya ho sakta aur kyu? 1-old add as it is bahal hoga 2-new add par purane vigyapan ki samast shartey lagu hogi? 3-tet merit par sansodhit vigyapti ayegi 4-gov ke 15th and 16th amedment khariz hoge aur max tet weitage ke sath amed karke new add magaya jayega 5-new add se stay bhi hat sakta hai aur hume sc jana pad sakta hai... krpya with logic answer jarur de 1-sadanand mishra ji 2-sujeet ji 3-rakesh mani ji 4-shyam dev ji 5-ritesh ojha ji 6- dileep tiwari ji 7-mayank tiwari ji 8-brijesh rajput ji 9-dharmendra shrivastav ji 10- ganesh dixit ji 11-shashwat pathak ji 12-sharika ji apne view de बृजेश राजपूत--- भाई जी जहाँ तक मेरा व्यक्तिगत विचार है तो मै अपना मत आपके पहले प्वाइंट के समर्थन मे देना चाहूँगा जिसकी संभावना सबसे अधिक है,,,उसके पीछे मेरे व्यक्तिगत तर्क हैं| 26 जुलाई 2012 के बाद सरकार द्वारा नियुक्ति/चयन को प्रभावित करने वाले किये गये सारे संशोधन उत्तरोत्तर या भविष्यगामी प्रभाव वाले होंगे क्योंकि The Apex Court (सर्वोच्च न्यायालय) has repeatedly held that any amendment in the Rules laying down the manner for selection/appointment would be prospective in nature. 30-11-2011 वाला विज्ञापन एनसीटीई दिशा निर्देश के बिल्कुल अनुकूल है,,,, मेरा मानना है कि उस विज्ञापन की चलती प्रक्रिया पर जनवरी 2012 मे कपिल की याचिका पर दिया गया स्टे गलत था,,,,,क्योंकि वो विज्ञापन आरटीई एक्ट से शासित हो रहा था न कि बेसिक नियमावली से,,,इसलिए उसमे नियम शासनादेश के लागू होने थे | लेकिन हाँ अगर कपिल की याचिका पर स्टे नहीं मिलता तो बीटीसी/विबीटीसी वालों की याचिका पर मिलता और ऐसे मे पुराने विज्ञापन मे सिर्फ इतना संशोधन होता कि बीटीसी/विबीटीसी वालों के लिए 2 दिसंबर को निकली विज्ञप्ति रद्द हो जाती क्योंकि उनकी नियुक्ति 1981 रूल्स के अनुसार होनी चाहिए थी और उनको अप्रशिक्षितों के साथ शामिल करना भी गलत था,,,,,और बाद मे यही हुआ भी| मै अगर वकील होता तो सीबी यादव और टंडन से जरूर पूछता कि जब बेसिक नियमावली 1981 मे शिक्षामित्र और अनुदेशक जैसे पद नहीं हैं तो फिर वो बेसिक शिक्षा परिषद के क्रमश: प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों मे कैसे तैनात हैं ??? प्रशिक्षु शिक्षक भी तो इन्ही की तरह अस्थायी तौर पर नियुक्ति पाने वाले थे| अजय भाई आपका जो दूसरा बिन्दु है वो तभी संभव होगा जब खंडपीठ भी ये मान ले कि ये पद बेसिक नियमावली से शासित होंगे क्योंकि यही आधार पुराने विज्ञापन को अवैध या रद्द ठहराता है और जब पुराना रद्द माना जाएगा तभी तो नए एड पर पुरानी शर्तें लगाई जाएंगी,,,,,,,अगर ऐसा होता है तो फिर मतलब ये हुआ कि वास्तव मे ट्रेनी टीचर पोस्ट नियमावली मे होनी चाहिए थी,,,,तो फिर नया सवाल उठता है कि हरकौली साहब के 4 फरवरी वाले ऑर्डर का क्या होगा जिसमे वो ये कह चुके हैं कि उपरोक्त आधार मौजूद ही नहीं था,,,,,,,इसके अलावा अन्य किसी आधार पर पुराना विज्ञापन रद्द होना अभी तक कोर्ट द्वारा दर्शाया नहीं गया है,,,,और सरकार के बाँकी आधारों को पहले ही दफनाया जा चुका है | अगर आपका ये बिन्दु सही होता है तो इसका मतलब ये भी होगा कि जब नियमावली मे उस समय बीएड योग्यता और प्रशिक्षु पद ही नहीं था, महिला/पुरुष, कला/विज्ञान वर्गीकरण भी नहीं था, नियुक्त प्राधिकारी ने विज्ञापन भी जारी नहीं किया था कुल मिलाकर सबकुछ अवैध था तो फिर उसमे आवेदन करने वालों के अधिकार कोर्ट द्वारा सुरक्षित करना कैसे वैध होगा??? ये देखना दिलचस्प होगा| हालाँकि ऐसे मे गुणांक आवेदक प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि मै जानता हूँ कि सरकार 450 करोड़ वापस नहीं करेगी चाहे कुछ भी हो जाये,,,,वो जरूर कुछ और पदों की अनुमति लेगी एनसीटीई से इस स्थिति मे,,,,,,, लेकिन तब तक ये लोग उथल पुथल खूब मचाएंगे,,,,वैसे अंशुल मिश्रा जी (राष्ट्रपति से इच्छा म्रत्यु माँगने वाले महोदय) ये जान गए हैं की भर्ती टेट मेरिट से होने जा रही है,,,,8 नवंबर 2013 का ऑर्डर पढ़ के सन्यपात हो गया है उनको और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसे रुकवाने के लिए आसमान तो नहीं लेकिन जमीन खोदने मे जुट गए हैं| इस प्वाइंट के सही हो जाने पर तमाम नई परेशानियाँ भी जन्म लेंगी जिनके बारे मे बाद मे बताऊँगा| अब आइये तीसरे बिन्दु पर,,,,,इसमे अगर आपका अर्थ एक और नए विज्ञापन से है तो उस विज्ञापन मे नीचे एक नोट लगाया जाएगा कि कृपया 30 नवंबर 2011 के बाद न्यूनतम योग्यता हासिल करने वाले (2012 मे बीएड करने वाले, 2010-11 सेशन की बीएड मार्क शीट नवंबर 2011 के बाद पाने वाले या समस्त वो लोग जिन्होने पुराने विज्ञापन मे आवेदन नहीं किया था) लोग आवेदन न करें.... इसमे और दूसरे बिन्दु मे कोई अंतर नहीं है ज्यादा, ये भी तभी सही हो सकता है जिस तरह दूसरे बिन्दु के लिए मैंने ऊपर बताया है| हाँ इतनी विज्ञप्ति तो आएगी ही कि अब टेट मेरिट बनेगी जिसके लिए किसी को अब आवेदन करने की जरूरत नहीं है मतलब सरकारी अधिसूचना आपको खबर पहुंचाने के लिए,,,, चौथा बिन्दु इसमे तभी सत्य होगा जब नये एड के खिलाफ दाखिल याचिकाओं वाला निर्णय अगर इसी मे शामिल हुआ और उसके याचियों के पक्ष मे ही फैसला हुआ ,,,ये सत्य होगा तो दूसरा बिन्दु तो अपने आप खत्म हो जाएगा,,,,,और साथ मे टेट मेरिट वालों को हारना भी होगा उसके बाद ही ये बिन्दु संभव है इसका मतलब ये असंभव है| इसमे कोई शक नहीं है कि 15वें व 16वें संशोधन एनसीटीई के अनुसार नहीं हैं| पाँचवाँ बिन्दु भी असंभव है क्योंकि टेट मेरिट नहीं हार सकती ये आपको बताने की अब कोई जरूरत नहीं है आपके पाँचों बिन्दु आपस मे संबन्धित भी हैं,,,इस बारे मे कल बताऊँगा तब तक खुद एक दूसरे मे संबंध पता लगाओ ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं जो पूर्णता मेरे विवेक पर आधारित हैं,,,,,,अता ये जरूरी नहीं कि आप या सभी मुझसे सहमत हों,,,,ये मात्र भविष्य के गर्त मे छिपीं संभावनाएं हैं जो सही या गलत दोनों हो सकती हैं क्योंकि जज महोदय आम व्यक्ति से कई गुना ज्यादा बुद्धिमान और काबिल हैं| सत्यमेव जयत
Posted on: Mon, 11 Nov 2013 18:41:42 +0000

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