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World famous astrologer Pandit Dilip Dwivedi Dev Ji can you talk to this number --- 9473614183, 9651808820 ASTROLOGER-DILIP DEV DWIVEDI MUMBAI & MIRZAPUR UP IN INDIA ---मंगल दोष के सामान्य उपाय सभी प्रकार की लग्न कुंडलियों के विविध भावगत मंगल दोष के लिए सर्वमान्य हैं, जिन्हें अवश्य करना चाहिए। जैसे मंगल की धातु तांबा तथा रत्न मूंगा है, शहद एवं मिठाई मंगल को विशेष प्रिय है । इनकी शांति, पूजा, दानादि से लग्न को सबल, सक्रिय किया जा सकता है। मंगलवार का व्रत, हनुमानजी की आराधना, विविध पाठ, शहद, सिंदूर, मसूर की दाल का दान या उनका बहते पानी में प्रवाह, मृगचर्म पर शयन, शुद्ध चांदी का प्रयोग, भाई की सेवा आदि प्रमुख उपाय हैं। पवनसुत हनुमान जी की आराधना को लाल किताब में श्रेष्ठ, सरल एवं सस्ते उपायों की श्रेणी में रखा गया है। वहीं भगवान कार्तिकेय तथा धरती की पूजा का भी विधान है। स्वयं मंगलदेव की आराधना और उनकी भगिनी यमुना की पूजा से भी दोष का शमन होता है। सूर्य के आ. ज्ञाकारी पुत्र होने के कारण सूर्य की आराधना से भी मंगल प्रसन्न होता है। मंगल दोष दूर करने के लग्नानुरूप तथा भावानुरूप सुझाए गए लाल किताब के विशिष्ट उपाय अत्यंत कारगर हैं, जिन्हें अपनाकर आम जन भी मंगल के अशुभत्व को शुभत्व में बदल सकते हैं। इन उपायों से कोई हानि नहीं होती। मंगल लग्न में होकर अशुभ हो, मंगल दोष बना रहा हो, तो जातक मुफ्त में दान ग्रहण न करे और कोई वस्तु बिना मूल्य चुकाए स्वीकार न करें। हाथी दांत की बनी वस्तुएं घर में या अपने पास न रखें। चतुर्थ भावस्थ मंगल यदि अशुभ हो, तो शहद, शक्कर और चीनी का व्यापार कदापि न करें। बंदरों, साधुओ और अपनी मां की सेवा करें। बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। अष्टमस्थ मंगल के भी यही उपाय हैं। इसके अतिरिक्त इस स्थिति के दोष से बचाव के लिए विधवाओं का आशीर्वाद प्राप्त करें तथा अपने पुत्र के जन्मदिन पर नमक बांटें। सप्तम (जाया) भाव में किसी भी राशि का मंगल जब अशुभ हो, तो जातक साली, मौसी, बहन, बेटी और बुआ को मिठाइयां बांटें। झूठ और झूठी गवाही से बचें। पत्नी को चांदी की चूड़ी लाल रंग करके पहनाएं। व्यय भाव में जब मंगल अशुभता लिए हुए हो, तो जातक नित्य सुबह खाली पेट शहद का सेवन, मंदिर में बांटें और अन्य लोगों को खिलाएं। इस प्रकार उक्त भावों में मंगल की स्थिति से उत्पन्न होने वाले मंगल दोष के निवारण का उल्लेख लाल किताब में किया गया है। भाव तथा लग्न स्थिति के अनुसार उपाय अलग-अलग हैं जिसकी संक्षेप में यहां व्याख्या कर पाना संभव नहीं है। किंतु मंगल दोष से बचने का सर्वाध् िाक सरल तरीका लाल किताब में बताया गया है। लाल किताब की इसीलिए ज्योतिष में अपनी अलग छवि और स्थान है। वहीं इसके सुझावों में मानवीय रिश्तों को भी कम महत्व नहीं दिया गया है। इसमें कहा गया है कि मां, मौसी, बहन, बुआ, साली, बेटी, लड़कियों तथा विधवाओं और भाई की सेवा से मंगल की अशुभता में कमी आती है। ताऊ अर्थात पिता के बड़े भाई की सेवा को भी उपायों में शामिल किया गया है। भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान मंगल के प्रिय आराध्य हैं और हनुमान जी सात्विकों तथा ब्रह्मचर्य का पालन करने वालों के दुखों को दूर करते हैं। चूंकि दाम्पत्य सुख पाने के लिए पति-पत्नी का मिलन आवश्यक है अतः ब्रह्मचर्य का पालन संभव नहीं है। ऐसे में एक दूसरे के प्रति निष्ठा आवश्यक होती है। दान का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच कभी भी। मंगल के मंत्रों की जप संख्या: दस हजार । मंगल ग्रह के बीज मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः। , ॐ अं अंगारकाय नमः मंगल गायत्री मंत्र: ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्। मंगल की शांति के लिए मंगलवार का व्रत, हनुमान मंदिर में दीपदान, बजरंग बाण का पाठ, सुंदरकांड का पाठ अथवा हनुमत लांगूल स्तोत्र का पाठ एवं ग्यारह प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए। मंगल और रुद्राक्ष: मंगल ग्रह जनित गर्भ दोष, गर्भ संबंधी पीड़ा एवं रोगों से मुक्ति के लिए अठारहमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए World famous astrologer Pandit Dilip Dwivedi Dev Ji can you talk to this number --- 9473614183, 9651808820 ASTROLOGER-DILIP DEV DWIVEDI MUMBAI & MIRZAPUR UP IN INDIA – -विश्व के प्रसिद्द ज्योतिषी पंडित दिलीप देव द्विवेदी जी से आप बात कर सकते है इस नंबर पर ---9473614183, 9651808820 ASTROLOGER –DILIP DEV DWIVEDI MUMBAI & MIRZAPUR UP IN INDIA
Posted on: Tue, 05 Nov 2013 04:35:36 +0000

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