ahwanmag/Chetan-Bhagat-and-his-communal-thoughts चेतन भगत के बारे में तो आपने सुना ही होगा। आजकल ये मध्यवर्गीय मानस पर विचारक और प्रेरक के तौर पर काफी छाये हुए हैं! इसका कारण इनका बहुविध “प्रतिभाओं” का धनी होना भी है। ये कई पेशों में हाथ आज़माइश कर चुके हैं। इंजीनियरिंग और उसके बाद मैनेजमेण्ट (!?) की पढ़ाई के बाद इन्होंने 11 साल तक हांगकांग में इन्वेस्टमेण्ट बैंकर के तौर पर काम किया, कुछ सस्ते और यौन-कुण्ठित किस्म के उपन्यास लिखे, मुम्बइया फिल्मों की पटकथाएँ लिखीं, मैनेजमेण्ट के छात्रों के बीच व्याख्यान भी दिये तथा आजकल ये अखबारी स्तम्भकार (देखें, ‘दैनिक भास्कर’ के हाल के कुछ पुराने अंक) भी बन गये हैं! वैसे अपनी तमाम फूहड़ता और मूर्खता के बावजूद रूप की दृष्टि से (यदि अन्तर्वस्तु को एक तरफ रख दिया जाय) इनका लेखन पर्याप्त रोचक होता है। यदि आप जनपक्षधर हैं तो इनका लेखन आपके अन्दर घृणा पैदा कर सकता है, किन्तु आपको बोरियत कम ही महसूस होगी।
Posted on: Wed, 02 Oct 2013 08:49:42 +0000
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