आतंकवादी मुस्लमान नहीं.. आज एक बात जो की सच्ची है, में कहना चाहता हूँ… इस्लाम धर्म में आया है की आप जिस मुल्क में रहते हो उसपर अगर कोई अटैक करे तो तुम्हारा ये कर्त्तव्य है की तुम अपने घर अपने देश की रक्षा करो नहीं तो तुम मुस्लमान नहीं, आज कुछ लौग इस्लाम को बदनाम करने में लगे हैं, जो की इस्लाम का हवाला देकर हिंसा फैलाते हैं, कुरान में आया है वोह लोग मुसलमान नहीं, अरे मुसलमान तो वोह है की अगर उसे कोई गली दे तो वोह चुप रहे, गुस्सा न करे गुस्सा हराम है, गुस्सा करना शैतान का कम है, सो जो लोग गुस्से में आकर निर्दोष लोगों को मरते हैं वोह मुस्लमान नहीं हो सकते, मुस्लमान धर्म पैगम्बर मोहम्मद ने बताया था, जो अल्लाह के आखरी पैगम्बर थे, और कुरान किसी की लिखी हुई किताब नहीं है, ये किताब खुद अल्लाह ने अपने दूत जिब्राइल के द्वारा मोहम्मद शहब पर उतारी है, तो मे आज इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मोहम्मद शहाब की एक कहानी सुनाता हूँ जिससे आपको अंदाजा हो जायेगा की मुसलमान क्या है, वह उसे कितना शांत रहना चाहिए जब की कोई उसपर अत्याचार करता है, जब मोहम्मद शहब घर से निकलते थे, तो उनकी नज़र हमेशा निचे होती थी, वह इधर उधर देख कर नहीं चलते बल्कि अपना रास्ता देख कर चलते थे, रोज रस्ते में उनके ऊपर एक औरत कूड़ा फेकती थी, लेकिन वोह कभी उसकी तरफ देखते भी न थे, और मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाते थे,, ये औरत ऐसा रोज करती थी जब मोहम्मद शहब उसके घर के पास से निकलते थे, एक दिन जब आप पर किसी ने कूड़ा नहीं फेका तो, आप उस औरत के घर तसरीफ ले गए तो देखा वह औरत बीमार पड गई थी, आपने उस औरत के लिए दवा का इन्तेजाम किया, और जब वह औरत ठीक हो गई तो आपने उस औरत से कहा अब आप ठीक हो गई हैं अब आप मेरे ऊपर कूड़ा दाल सकती हैं, तब वह औरत बहुत शर्मिंदा हुई, और आप पार ईमान ले आई और कलमा पढ़कर मुसलमान हो गई,, मेरे भाईयो इस्लाम इतना शांति पसंद है, फिर ये आतंकवादी छोटी छोटी बातो में लोगों को भड़का कर आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.ये लोग मुस्लमान नहीं हो सकते…………….. क्या है मुसलमान, अपने पडोसी का अपने भाई के तरह ख्याल करें, अगर सारी दुनिया ऐसी हो जाए तो कभी कोई लड़ाई नहीं होगी, क्यूँ की तब एक आदमी दुसरे आदमी को अपना भाई समझेगा, एक पडोसी देश दुसरे पडोसी देश को अपना समझे, ये है इस्लाम, ऐडमिन 12
Posted on: Tue, 03 Sep 2013 05:08:41 +0000