आम होते तो अन्ना को भी रखते.खास थे और खास बनने की चाहत थी तो आम आदमी जो भारत का सबसे बड़ा Brand ambassador वोट से नोट बनाने का है.क्या राजनेता,अभिनेता,व्यवसायी,पंडित, मुल्ला,देशी,विदेशी ईत्यादि ने जमकर कमाया है कमाने के लिए तैयारी में सदा लगा है.गरीबी हटाओ.शिक्षित करना है.सूचना का भोजन का वोट का अधिकार देना है मगर रोने का कर्त्तव्य गरीब का है मरने भी नहीं देगें का अधिकार कानून का है.यही तो रोना है.राजनिति दल समस्या का समाधान नही कर सकते कारण नेताओं का पेट बड़ा से और बड़ा होता जा रहा है सारी गरीबों की उत्थान की योजना उनके और उनके लोगों के पेट में जा रहा है जो कभी भरेगा नही. गीता का वचन ये भूल गये है भोग भी त्याग के साथ करो
Posted on: Sat, 26 Oct 2013 00:42:59 +0000
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