एक गरीब माँ के छोटे बच्चे ने जब दुकान पर आईसक्रीम देखी तो उसने अपनीमाँ से कहा कि मुझे ये दिलाओ ना मगर उसगरीब माँ के पास पैसे नी थे तो वह खडी खडी रोने लगी और अपनी दर्द भरी आवाज मे दुनिया को कुछ ये कहने लगी मेरी गरीबी को देख जमाना मुस्कुराता है तेरी शोहरत के आगे ये सर झुकाता है तेरी गलती को भी ये सही करार देते है मेरे सही होने पर भी ये मुझे मार देते है तेरे सुख मे है सुखी और मेरे दुःख से अनजान है क्यो है इतना फर्क जब हम दोनो एक समान है मै भी तो इंसान हु और तु भी तो इंसान है मै एक जोडी कपडे मे ही मर जाया करती हु पेट भर खाना तो कभी कभी खाया तुने कपडो का भडार लगा दिया खाना तुने तो क्या तेरे कुतो ने भी खा लिया कुते को करते हो प्यार और मेरा करते अपमान है क्यो है इतना फर्क जब हम दोनो एक समान है मै भी तो इंसान हु ओर तु भी तो इंसान है सच मै अमीरी और गरीबी रुपी दिवार जब हमारे देश मे से ढह जाएगे उस दिन कोई भी माँ आसु नही बहाएगी
Posted on: Wed, 21 Aug 2013 17:12:21 +0000
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