कांग्रेस ने जब गुजरात और मोदी की इमेज खराब करने के लिए दो चैनेलो आज तक और एनडीटीवी को चार चार करोड़ रूपये देकर पेड न्यूज़ और पेड कवरेज के लिए चुना तो उसे ऐसे एंकर चाहिए था जिसकी शक्ल से ही नीचता और मक्कारी टपकती हो ... इसलिए कांग्रेस ने अंजना ओम कश्यप और रविश कुमार को इसके लिए चुना | अंजना ओम कश्यप गोधरा में रुकी थी तब उसको पूरी लिखित स्टोरी कांग्रेसी नेताओ ने दी ..जो जावेद अख्तर के द्वारा लिखा गया था ... फिर लगातार गोधरा से लेकर अहमदाबाद तक तीन दिनों तक अंजना ओम कश्यप ने एक तरफा रिपोर्टिग की ... कहते है न की शयाना कौवे की नजर सिर्फ टट्टी पर होती है ..उसी तरह ये दोनों एंकर पुरे गुजरात की सिर्फ नकारात्मक छवि पेशकरके रिपोर्टिंग किये | लेकिन कल इसी "खाजतक" चैनल पर एंकर अंजना ओम कश्यप और बिकाऊ पत्रकारिता के स्टेटस सिंबल "एनडीटीवी" के तथाकथित "दलाल" (समानार्थी शब्द पत्रकार) रविश कुमार जी के अनुसार मुज़फ्फरनगर के दंगे मामूली सी बात (लड़की से छेड़खानी फिर रेप की कोशिश ) पर हुए जिसको सियासी लोगों ने अपने फायदे के लिए और भड़काया। अब देखों दोस्तों ये वही "अंजना ओम कश्यप" है जो "दामिनी" बलात्कार काण्ड के बाद एक दिन रिपोर्टिंग कर रही थी तो कुछ लोगों ने इसकी शक्ल और बाजारू टाइप मेकअप देखकर "बिकाऊ" समझकर छेड़ दिया था तो इसने अगले 2 दिनो तक इस घटना को पूरे देश के मर्दों की घटिया सोच बताया था और खुद को छेड़ने की घटना को बहुत गंभीर बताया था और आज जब दूसरों पे बीती तो इसे "मामूली" बात बता रही है..... और इन रविश जी का तो क्या कहना,,, मेरे ख्याल से अगर ये "पत्रकार से दलाल कैसे बने" नाम की कोई पुस्तक लिखें तो "बुकर" पुरस्कार के असली हक़दार ये ही हैं। ये ज़नाब महिलाओं की सुरक्षा की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं पर आज चंद नोटों की गड्डियों की खातिर किसी लड़की से छेड़खानी की घटना को मामूली सी बात बता रहे हैं। ये लोग "महापंचायत" के बुलाने का रोना तो रो रहे हैं पर "महापंचायत" क्यूँ बुलाई गयी इसका कारण नही बता रहे। और अंत में यही कहना चाहूँगा की अगर किसी लड़की से छेड़छाड़ करना"मामूली सी बात" है तो इन लोगों को पत्रकारिता छोड़ कर अपने असली पेशे "दलाली पर ही उतर आना चाहिए.,.
Posted on: Tue, 10 Sep 2013 22:12:40 +0000
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