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कृपया शेयर करें ... अभी हमला हुआ तो पकिस्तान भी भारत को रौंदते हुए कन्याकुमारी तक पहुँच जाएगा और भारत की जनता के पास अपने हथ्यार भी नहीं हैं जो लोग अपनी सुरक्षा कर सकेंगे| अगर पाकिस्तान हम्ला करता है तो भारत को अमेरिका, रूस और इज़राईल जैसे देशों के सामने हथ्यार के स्पेयर पार्ट्स के लिए गिडगिडाना पडेगा| आर्मी चीफ की पीएम को चिट्ठी- हमला हुआ तो बचाने की गारंटी नहीं | bhaskar/article/NAT-army-chief-general-vk-singh-write-letter-prime-minister--manmohan-singh-3026174.html सैकत दत्ता/भास्कर/DNA | Mar 28, 2012, 13:58PM IST नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने देश की सुरक्षा को खतरे में बताया है। उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गोपनीय चिट्ठी लिखी है। पत्र में कहा गया है कि सेना के टैंक का गोला-बारूद खत्म हो चुका है। हवाई सुरक्षा के उपकरण अपनी ताकत खो चुके हैं। इतना ही नहीं पैदल सेना के पास हथियारों तक की कमी है। 31 मई को रिटायर होने जा रहे सेना प्रमुख जनरल सिंह उम्र विवाद के बाद 14 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश मामले से विवादों में हैं (पढ़ें विशेष संपादकीय)। जनरल सिंह ने सेना की खस्ता हालत के बारे में 12 मार्च को प्रधानमंत्री को पांच पन्ने की चिट्ठी लिखी। चिट्ठी मंगलवार को सामने आई है।सिंह ने पत्र में लिखा, ‘हमारे सभी प्रयासों और रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बावजूद तैयारियां नहीं दिख रही है। मैं यह सूचित करने को विवश हूं कि सेना की मौजूदा हालत संतोषजनक से कोसों दूर है। ‘खोखलेपन’ की स्थिति से बहुत ज्यादा स्पष्ट अंतर नहीं दिख रहा। हालांकि, सरकारने भी माना है कि सेना की तैयारियों में कमी है और वह इसे गंभीरता से ले रही है। जनरल सिंह के खत के मुताबिक सेना के पास हथियार और साज-ओ-सामान समेत कई चीजों की कमी है। खत में सेना के सामने मौजूद इन चुनौतियों का जिक्र किया गया है: -दुश्मन को शिकस्त देने के लिए टैंक के बेड़े के पास गोला-बारूद खत्म होने के कगार पर। -तोपखाने में फ्यूज नहीं, अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर में खरीदी व कानूनी प्रक्रिया का अडंग़ा। -हवाई सुरक्षा के 97 फीसदी उपकरण बेकार, हवाई हमले से बचाने का भरोसा नहीं। -पैदल सेना के पास पर्याप्त हथियारों का अभाव, रात में लडऩे की क्षमता भी नहीं रही। -विशेष फोर्सेस के पास जरूरी हथियार नहीं, युद्ध में काम आने वाले पैराशूट्स भी खत्म हुए। -सेना की निगरानी में बड़े स्तर पर खामियां, यूएवी और निगरानी के लिए जरूरी रडार नहीं। -एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल्स की मौजूदा उत्पादन क्षमता और उपलब्धता बेहद कम। -लंबी दूरी तक मार करने वाले तोपखाने में वेक्टर्स (पिनाका व स्मर्च रॉकेट सिस्टम) का अभाव। हमारा विचार - ====== आज हमारे 80% हथियार पूरी तरह से आयत किये जाते हैं और बाकी के हथियार का डिजाईन करके, उनके मुख्य कलपुर्जे आयत करके उनको जोड़ा जाता है | आयात किये हुए हथियारों में `रेडियो स्विच` होता है जिसे दुश्मन हथियारों को कभी भी बंद करने के लिए उपयोग कर सकता है | और युद्ध के समय कई गुना दामों पर भी हथियार आयात करना असंभव हो जाता है | फिर, समाधान ये है कि हमें पूरी तरह से हथियार स्वदेश में बनाना चाहिए और जनसमूह का सशत्रिकरण करना चाहिए | जूरी ट्रायल्स जैसे कानूनों से देश की न्यायिक व्यवस्था को विकेन्द्रीयकरण करना पडेगा, न्यायिक व्यवस्था का केन्द्रीयकरण ही इसमें व्यप्त भ्रस्टाचार की प्रमुख वजह है| कृपया विस्तार से समाधान-ड्राफ्ट चैप्टर 24,29, prajaadhinbharat.wordpress में देखें | और अपने सांसद को भी मेसेज-आदेश करें कि ये समाधान-ड्राफ्ट को तुरंत लागू किया जाये | इस पर ये लेख पढ़ें - tiny.cc/1r6szw
Posted on: Sun, 07 Jul 2013 06:11:40 +0000

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