क्या इस देश के और सोशल - TopicsExpress



          

क्या इस देश के और सोशल मीडिया पर मौजूद लोग जो बार बार इस्लाम धर्म में औरतो के जीवन स्तर और अधिकारों को मुद्दा बनाते हैं, मैं तमाम उन लोगो से कहना चाहता हूँ की क्या आपमें इतनी परिचर्चा और सेहन शक्ति हैं की आप एक स्वस्थ माहौल में औरतो के विभिन्न धर्मो में अधिकार और व्यवहार पर खुली परिचर्चा कर सकते हैं तो मैं तैयार हूँ... ताकि पूरे देश को और ख़ास तौर से इस्लाम के प्रति सुनी सुनाई बातो से मन में पूर्वाग्रह बिठा चुके गेर मुस्लिम भाइयो को पता चल सके की किस धर्म में औरतो के अधिकार ज्यादा हैं ? और किस न्यायप्रणाली में औरते ज्यादा सुरक्षित रहती हैं...? रोज़ रोज़ की बेहूदा और बेसिर पैर की बाते सुन सुन के मुसलमान परेशान हो चूका हैं...... याद रखना तुलनात्मक अध्ययन को किसी धर्म विशेष पर हमला मत कहना और बातें धार्मिक पुस्तकों के आधार पर होगी न की व्यक्तियों के व्यवहार पर... क्या कट्टरपंथी तैयार हैं....? #08
Posted on: Tue, 17 Sep 2013 04:53:17 +0000

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