जब कमरे में सन्नाटे की आवाज़ सुनाई देती है, जब दर्पण में आंखों के नीचे झाई दिखाई देती है, जब बड़की भाभी कहती हैं, कुछ सेहत का भी ध्यान करो, क्या लिखते हो लल्ला दिन भर, कुछ सपनों का सम्मान करो, जब बाबा वाली बैठक में कुछ रिश्ते वाले आते हैं, जब बाबा हमें बुलाते है,हम जाते में घबराते हैं, जब साड़ी पहने लड़की का, इक फोटो लाया जाता है, जब भाभी हमें मनाती हैं, फोटो दिखलाया जाता है, जब पूरे घर का समझाना हमको फनकारी लगता है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, पर उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है।
Posted on: Tue, 15 Oct 2013 09:31:02 +0000
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