धमाके जनता को भयभीत करने के लिए किए गए जिस से की मोदी जी की आगे होने वाली रैलियों में लोग जाने से डरें | मित्रों ! अब दोगुने जोश के साथ रैलियों में शिरकत करके विरोधियों को मुहतोड़ जवाब देने की जरूरत है | फिलहाल यह अब तक की सबसे ओछी और घटिया राजनीति का नमूना था | रैली को शांति के साथ सफल बनाने में लगे उन कार्यकर्ताओं का धन्यवाद जिनहोने मंच से बम और धमाकों का नाम नहीं लिया और बमो को पटाखे बताकर रैली को भगदड़ और अशांति की भेट नहीं चढ़ने दिया | भाषण के अंत में मोदी जी ने शांति से घर जाने की अपील करके अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह किया जो की बिहार के शुशाशन बाबू ने नहीं किया |
Posted on: Sun, 27 Oct 2013 10:04:56 +0000
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