पुलिस वालो की मौत, नक्सली - TopicsExpress



          

पुलिस वालो की मौत, नक्सली ईसाई आतंकवादी पौघ बेचने वाली कुतिया किरण बेदी।आई.पी.एस। देशद्रोही अन्ना टीम की सदस्या किरण बेदी,और सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी.आर. कृष्णा अयर देशद्रोही ईसाई आतंकवादी बिनायक सेन के साथ एक ही मंच पर विदेशी नक्सली ईसाई आतंकवादी मिष्निरी संस्था AIDS से पुरस्कार लेते हुएः- Kiran Bedi, Binayak Sen get humanity awards 1 April 2011,The award, consisting of a prize money of Rs 5 lac, a gold medal and a citation, was bestowed upon Kiran Bedi, Ilina Sen, Binayak Sen, Prakash Kaur, retired Justice V R Krishna Iyer यहाँ एक खास बात यह है कि किरण बेदी के साथ देशद्रोही बिनायक सेन,देशद्रोही बिनायक सेन की पत्नी इलिना सेन और सेवा निवृत्त न्यायाधीश वी.आर. कृष्णा अयर ।जिसने अन्ना का अनशन तुड़वाने में अहम् भूमिका निभाई। एक ही मंच पर विदेशी नक्सली आतंकवादी मिश्निरी संस्था से पुरस्कार ले रहे है।इससे एक वात तो साफ है कि किरण वेदी अंग्रेजों की ऐजेन्ट है।पर आपके मन में एक सवाल जरूर होगा कि तिहाड़ जेल की महा निरीक्षक रह चुकी किरण बेदी ने सैनिको और पुलिस के जवानों के हत्यारे नक्सली ईसाई आतंकवादियों की क्या खिदमत की कि उसे 5 लाख का भारी भरकम अंग्रेजी पुरस्कार मिला? देश द्रोही टीम अन्ना की खास सिपहसालार कुतिया किरण बेदी को आतंकवादी अंग्रेज मिश्निरियों की बेहतर सेवा के लिये आतंकवादी मिश्निरियों ने कई मदर फादर अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा है। इनमें से प्रमुख पुरस्कार निम्न हैंः- मदर टरेसा ममेाेिरयल नैशनल अवार्ड (2005 इटली का वीमेन आॅफ दी ईयर अवार्ड (1980 फादर मैचिस्मो ह्यूमेटेरियन अवार्ड (1995 अमेरीकी मोरीसन-टोम निटकोक अवार्ड (2001 जर्मन फाउंडेशन का जासेफ ब्यजू अवार्ड नार्वे के संगठन इंटशनेशनल आर्गेनाजेशन आफ गुड टेम्पलर्स एशिया रीजन अवार्ड (1991 रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 1994 प्राइड आॅफ इंडिया (1999 आदि प्रमुख पुरस्कार हैं। अंगेजों की खास चाकर किरण बेदी फिलहाल संयुक राष्ट्र संघ के ‘शांति स्थापना आपरेशन’ विभाग में नागरिक पुलिस सलाहकार के पद पर रहकर नक्सली आतंकवादी टीम अन्ना की सेवा करके नक्सली आतंकवादी अंग्रेज मिष्निरयों से अपना वेतन डालर में प्राप्त कर रही हैं। सवाल उठता है कि साधारण नाक नक्श की किरण बेदी पर नक्सली आतंकवादी अंग्रेज मिष्निरियां इतनी मेहरबान केसे है? किरण बेदी ने इन पर क्या जादू किया? जेल में एक नियम है कि कोई भी महिला कैदी 5 साल की उम्र तक का अपना छोटा बच्चा जेल में रख सकती है।किन्तु जिस दिन वह बच्चा 5 साल से 1 दिन भी बड़ा होता है उसे जेल से बाहर सड़क पर लावारिस छोड़ दिया जायेगा। ऐसी मजबूर माँओं के बच्चों को अंग्रेजों की ऐजेन्ट किरण बेदी ने तिहाड़ जेल की महानिरीक्षक होते हुए दुष्टा मदर टेरेसा की मिश्निरी आॅफ चैरिटी को दिलवाकर लाखों रुपये का मदर टेरेसा पुरस्कार भी पाया।पाठकगण सोच रहे होंगे कि इसमें किरण बेदी ने देश के अहित में क्या किया? यह एक वास्तविकता है कि विदेशी ईसाई मिश्निरियों के अनाथालयो के बच्चों को ही प्रशिक्षण देकर नक्सली ईसाई आतंकवादी बनाया जाता है।खास बात यह है कि जब पुलिस के जवानों पर घात लगाकर हमला करते हुए यें नक्सली ईसाई आतंकवादी मारे जाते हैं तो इनके शवों की शिनाख्त भी नहीं हो पाती। जेल में 5 साल की छोटी उम्र में अपनी माँ से बिछड़ा बच्चा बड़ा होने पर न तो उसे उसकी माँ पहचान पाती है और न ही बच्चा माँ को। साथ में पुलिस वालो की मौत की पौघ देने वाली कुतिया किरण बेदी का माँ और आतंकवादी ईसाई मिश्निरियों के बीच कराया एग्रीमेन्ट ‘‘कि अब माँ का इस बच्चे पर कोई अधिकार नही’’ बिछड़ने के बाद माँंॅ बेटे को कभी मिलने भी नही देता। यही कारण है कि नक्सली ईसाई आतंकवादियों के शवों पर रोने उनका कोई माँ-बाप, भाई-बहन, नहीं आता। आये कहां से? माँ को पता ही नही ंकि कुतिया किरण बेदी ने उसके बच्चे को कब में नक्सली ईसाई आतंकवादी बनवा कर कुत्ते की मौत मरवा दिया।खास बात यह है कि किरण बेदी मिजोरम में पुलिस की उप महानिदेशक रहते हुए ईसाईयत के अत्याचारों को जान गयी थी। और मिजोरम के ईसाई आतंकवादियों से जान बचाकर रातो-रात अपना बोरिया बिस्तर बान्ध कर राज भवन भाग आयी थी।जिस किरण बेदी को ईसाईयत के अत्याचारों से निजात दिलाने के लिये भारत सरकार ने मिजोरम भेजा था, उस कुतिया किरण बेदी ने इन्ही देश द्रोहियों को तिहाड़ जेल की माताओं के बच्चे बेचने षुरू कर दिये,और वो भी पुलिस के जवानो को नक्सली ईसाई आतंकवादियों द्वारा मरवाने के लिये। भारत सरकार की नाक के नीचे गुड़गांव के दया बिहार नामक आतंकवादी चर्च में हर साल हजारों बच्चे नक्सली ईसाई आतंकवादी बनाये जा रहे हैं।इस आतंकवादी चर्च के बन्द दरवाजांे में अनाथ हिन्दू बच्चे यातना में पड़े अपनी रिहाई की बाट देख रहे हैं।देखना है कि भारत सरकार,हरियाणा के जाट पहलवान या कोई और देशभक्त इन बच्चों का कब उद्धार करता है।
Posted on: Sat, 29 Jun 2013 21:22:25 +0000

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