फेसबुक मित्र .....कई तरह के - TopicsExpress



          

फेसबुक मित्र .....कई तरह के होते हैं जितने तरह के समुद्री जीव नही जल में..... जितने तरह के insects नही धरती पर.... और जितनी प्रजातियाँ पक्षियों की नहीं होती संसार में.. उससे अधिक variety फेसबुक पर मित्रों की मौजूद है...... और इनमे से जितनी प्रकारों के बारे में हम जानते हैं ...... उससे कई गुना अधिक तो इतने रहस्यमय हैं कि जो हैं तो...पर हम इनसे अनजान हैं..... सबके अनुभवों को सुनकर रौंगटे खड़े हो जाएँ ऐसी चर्चा ही क्यों करूँ ...... मैं तो सिर्फ अपने कुछ मित्रों की बात कर सकती हूँ सहजतापूर्वक.... कई होते हैं बेहद समझदारी के साथ फेसबुक का उपयोग करने वाले.... राजनीति, धर्म, समाज ,प्रकृति ,साहित्य ,विचार, आध्यात्म में अपना समुचित योगदान देने वाले - मेरे आदर्श व् श्रध्धेय कई मीठी मीठी ,हास्यास्पद लेकिन फ़िज़ूल की बातें बोल समय व्यतीत करने वाले - मेरे funny मित्र कई प्रश्नसूचक मित्र...ये हर समय मुझसे सवाल ही पूछते रहते हैं ...आप क्या करती है..क्यों करती हैं...क्यों नही करती...कैसे कर लेती हैं....कैसे नही करती ... - ये irritating मित्र तब irritated हो जाते हैं जब मैं जवाब नही देती इनके क्विंटल भर सवालों का कुछ knocking मित्र...ये सुबह शाम घंटी बजाते हैं और मेरे हज़ार बार प्रेम से मना करने के बावजूद good morning ji.....गुड इवनिंग दीदी.....जय श्री राम....वन्देमातरम....हर हर महादेव...कहकर और ज़बरदस्ती मुझसे कहलवाकर जाते हैं। ना कहने पर इनका एकही प्रश्न होता है क्या आप हमसे नाराज़ हैं ? कुछ shocking मित्र.....ये बात बात पर झगड़ पड़ते हैं...मेरे राष्ट्रवाद को फर्जी तक बता देते हैं....मेरे मोदीप्रेम पर भी इनकी राहुदृष्टि होती है...मुझे गालियाँ भी शौक़ से दे लेते हैं.....और wall पर मेरे कमेंट्स ट्रैक करके मुझे नीचा दिखाना भी ये नही भूलते । ये मुझे घमंडी और over estimated मानकर मुझे झंड करने के सहज मौकों की तलाश में रहते हैं ..... और कुछ रांझे...मजनू टाइप के मित्र.....जिनको मैं पहली ही नज़र में ताड़ लेती हूँ....ये गलत अंग्रेजी बोलकर आकर्षित करने का प्रयास करते हैं और इनको राष्ट्रवाद सिखाना बच्चों का खेल नही...ये अक्सर लड़के लड़कियों के लिए ख़ास designed pages की कौन कौन ऑनलाइन है...lets chit chat वाली पोस्ट्स में hiiii sonam.....hi priya करते कहीं भी....किसी को भी मिल जायेंगे.... असंख्य प्रकार के मित्र होते हैं और मुझे किसी के किसी भी प्रकार से तब तक समस्या नही जब तक वो इनबॉक्स में आकर मेरी शांति भंग ना करे । सभी से करबद्ध निवेदन है ( पहली प्रकार के मित्रों को छोड़कर ) कि मैं chatting नही करती..... मेरी सुबह शाम अच्छी होगी या नही यह मेरे कर्म तय करेंगे..... मेरे फला फला विषय पर विचार क्या हैं ये मेरी पोस्ट्स पर आप समझ सकते हैं....... बेहतर होगा कि आप पोस्ट्स पर अपने विचार प्रकट करें इनबॉक्स में नही... और सबसे बड़ी बात....हर विषय पर मेंरे विचार जानना आपके लिए ज़रूरी नही होना चाहिए । बेहतर मित्रता comfort से आती है और यह बात याद रखें । Ruchisharma Trivedi
Posted on: Mon, 21 Oct 2013 00:36:32 +0000

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