बात दिसंबर 1991 की है. लखनऊ - TopicsExpress



          

बात दिसंबर 1991 की है. लखनऊ के एक पब्लिक स्कूल में सात आठ साल का बच्चा बहुत गुस्से में क्लास में आता है. टीचर के पूछने पर वह चिल्लाकर कहता है, ‘सर मैं सारे मुसलमानों को मार डालूंगा.’ बच्चे की बात सुनकर टीचर दंग रह जाता है. वह कहता है, ‘ऐसा क्यों.’ बच्चा कुछ नहीं बोलता. फिर टीचर बच्चे से पूछता है ‘अच्छा किस किस को मारोगे.’ बच्चा कहता है, ‘सारे मुसलमानों को.’ चूंकि टीचर सुलझा हुआ और बच्चों के मनोविज्ञान को समझने वाला था तो उसने बच्चे से कहा, ‘अच्छा चलो जिस जिस को मारना है उनके नाम की एक लिस्ट बनाओ.’ बच्चा अपने तेवर नरम किए बिना कहता है, ‘ठीक है.’ टीचर बच्चे से कहता है कि लिस्ट में पहला नाम लिखो, आयशा मैम. बच्चा कहता है नहीं, मैम को नहीं मारूंगा, वह तो बहुत अच्छी हैं. प्यार से पढाती हैं. तब टीचर कहता है, ठीक है, तो फिर अशर का नाम लिखो. बच्चा कहता है, नहीं सर, वह तो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है. अब टीचर मुस्कुराकर बच्चे से कहता है, तो फिर रिजवान चाचा का नाम लिखो. रिजवान स्कूल की बस के ड्राइवर का नाम था. बच्चा कहता है, उनको भी नहीं, वह तो मुझे रोज गोद में उठाकर बस में बिठाते हैं और टॉफी भी देते हैं. अब टीचर बच्चे की आंखों में देखकर पूछते हैं, जब सारे लोग अच्छे हैं तो थोडी देर पहले तुमने यह क्यों कहा, कि सारे लोगों को मार डालूंगा. बच्चा सिर झुकाकर कहता है, सर घर में पापा मम्मी ऐसा कह रहे थे.!! ````` `````````````` एडमिन:-बाबर पठान
Posted on: Sun, 29 Sep 2013 05:10:16 +0000

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