युद्धबंदी के रुप मेँ - TopicsExpress



          

युद्धबंदी के रुप मेँ पृथ्वीराज चौहान को जब मोहम्मद गौरी के सामने लाया गया तो उसने गौरी को घूर के देखा, गौरी ने उसे आँखे नीची करने के लिऐ कहा, पृथ्वीराज ने कहा कि " राजपूतोँ की आँखे केवलमृत्यु के समय नीची होती हैँ..." यह सुनते ही गौरी आगबबूला हो गया और उसने लोहे के गरम सरियोँ से पृथ्वीराज की आँखे फोङने का आदेश दिया...! After some days in the court of Mohammad Ghauri.... " चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण , ता ऊपर सुल्तान है, मत चूकेँ चौहान " कवि चंदरबरदाई का इतना ईशारा पाते ही आखोँ से अंधे पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी पर बाण चलादिया और अपने अपमान का बदला उसके प्राणोँ से ले लिया....! जय हो पृथ्वीराज चौहान की ।।
Posted on: Fri, 04 Oct 2013 10:39:25 +0000

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