लाचार थे तो पद पर क्यों - TopicsExpress



          

लाचार थे तो पद पर क्यों बने रहे मोदी : चौधरी Updated on: Tue, 16 Jul 2013 10:31 PM (IST) संविदा पर नियोजित शिक्षकों को दोगुना वेतन देने की मांग करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर सत्ताधारी दल जदयू ने जमकर प्रहार किया है। जल संसाधन मंत्री एवं वरिष्ठ जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मोदी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की तरह घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री रहते हुए शिक्षकों का वेतन अधिक बढ़ाने के लिए उन्होंने कभी किसी फाइल पर अलग से नोटिंग क्यों नहीं की? अभी कह रहे हैं कि बतौर उपमुख्यमंत्री मेरी कही बातें मुख्यमंत्री नहीं सुनते थे। ऐसी लाचारी थी तो उपमुख्यमंत्री के पद पर क्यों बने थे? जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद की मौजूदगी में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में चौधरी ने कहा कि मोदी ने तो यहां तक कहा था कि भगवान भी आ जाए तो शिक्षकों की मांगें नहीं मान सकता। सत्ता से हटते ही उनके सूर बदल गए। सरकार ने जब इन शिक्षकों का वेतन चार हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये और फिर 6 हजार रुपये किया तो उस समय उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ वित्त मंत्री की हैसियत से उन्होंने क्यों नहीं कहा कि इनका वेतन और बढ़ाया जाए? अपना चेहरा बचाने के लिए मोदी व्यापारियों को भी दिग्भ्रमित कर रहे हैं। राज्य के अंदर 50,000 रुपये तक के सामानों की आवाजाही पर लगने वाले टैक्स में छूट थी। उनके कार्यकाल में ही इस सीमा को घटाकर 25,000 रुपये किया गया। अब वह कह रहे हैं कि मैंने तो यह सीमा एक लाख रुपये करने के लिए लिखा था। चौधरी ने बताया कि सरकार शिक्षकों की मांग के प्रति संवेदनशील है, और इसपर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा के वरीय नेता, खासकर सुशील कुमार मोदी, झटपटाहट में हैं। संवैधानिक एवं राजनीतिक मर्यादाओं को ताक पर रख अशोभनीय एवं भ्रामक बातें कर रहे हैं। भाजपा ने विधानसभा में भी अपना यह आचरण दिखाया। नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव अपनी बातें कहकर सदन से बाहर चले गए। यह नई परंपरा फासिस्ट मानसिकता का परिचायक है।
Posted on: Wed, 17 Jul 2013 17:58:43 +0000

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