लड्डूलाल का शुद्ध देशी रोमांस लपक ( लघु परम कथा)Manjit ThakurIIMC Delhi Alumni Group Avinash Kumar Chanchal.... ............ पांचवी तल्ला से सीढ़ी गिनते हुए..उस अनछुए एहसास के सहारे..लड्डूलाल...शुद्ध देशी रोमांस का आनंद ले रहे थे.. .........रविवार का दिन..... सुबह-सुबह कोई खास चहल-पहल नहीं दिख रहा था...लड्डू लाल अपने देसी अंदाज में बैग लिए, हाथ में रीज्यूम का प्रिंट आउट लेकर...पलक झपकते ही लिफ्ट के गेट पर सटक लिए...समय से पहले पहुँच कर थोड़ा इंटेलेक्चुअल ठेस वाले अंदाज में अंगराई लेते हुए लिफ्ट का बटन दबाया..इतने में सांवली सी लड़की जिसकी आँखों में घनघोर घटा उमर रहा था.... बैग को सीधा करते हुए लिफ्ट में आ गई ...इंटरव्यू तो पांचवे मंजिल पर था....लिफ्ट में दोनों एक दुसरे को ऐसे देख रहे थे कि मानो दो समातंर रेखाओं के बीच कोई तिर्यकछेदी रेखा खींची गई हो, लेकिन एकांतर कोण के सहारे वह सब कुछ होने लगा जिससे हिंदी सिनेमा के अब तक के स्क्रीप्ट भी अपने को कोसने लगता....स्कर्ट और कैफरी को छोड़......सलवार सूट में ही सबकुछ कह देना चाहती थी....लड्डू लाल कुछ कहने की हिम्मत जुटा पाते कि इतने में लड़की का बैग उनसे टकरा गया...सॉरी बोलते ही लड्डूलाल अपने झीझक पर काबू करके बोल पड़े...ओके..आई एम कॉफ्रटेबल विद यू..लड्डू लाल का अगला एपीसोड शुरु होता........पांचवे तल्ले पर लिफ्ट का दरवाजा खुल चुका था...वह तो जा चुकी थी....लेकिन उस अनछुए एहसास से लड्डूलाल अपने मन के एपीसोड को पूरा करने में लगे थे.....पहले पहुँचने के कारण, वह तो इंटरव्यू देकर फिर लिफ्ट से वापस चली गई....जब लड्डूलाल इंटरव्यू देकर निकले.....लिफ्ट बंद हो चुका था.(लिफ्ट रविवार को हॉफ डे ही खुला रहता है.)..लड्डूलाल..पांचवी तल्ला से सीढ़ी गिनते हुए..उस अनछुए एहसास के सहारे...शुद्ध देशी रोमांस का आनंद ले रहे थे.......inspired by patne ke ladke…….
Posted on: Tue, 03 Sep 2013 21:56:21 +0000
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