विभिन्न मीडिया समूह और - TopicsExpress



          

विभिन्न मीडिया समूह और उनका आर्थिक श्रोत…… १- दि हिन्दू … जोशुआ सोसाईटी, बर्न, स्विट्जरलैंड, इसके संपादक एन राम, इनकी पत्नी ईसाई में बदल चुकी है. २- एन डी टी वी… गोस्पेल ऑफ़ चैरिटी, स्पेन, यूरोप ३- सी.एन.एन, आई.बी.एन.७, सी.एन.बी.सी…१००% आर्थिक सहयोग द्वारा साउदर्न बैपिटिस्ट चर्च ४- दि टाइम्स ऑफ़ इंडिया, नवभारत, टाइम्स नाउ… बेनेट एंड कोल्मान द्वारासंचालित, ८०% फंड वर्ल्ड क्रिस्चियन काउंसिल द्वारा, बचा हुआ २०% एक अँगरेज़ और इटैलियन द्वारा दिया जाता है. इटैलियन व्यक्ति का नाम रोबेर्ट माइन्दो है जो यु.पी.ए. अध्यक्चा सोनिया गाँधी का निकट सम्बन्धी है. ५-हिन्दुस्तान टाइम्स, दैनिक हिन्दुस्तान… मालिक बिरला ग्रुपलेकिन टाइम्स ग्रुप के साथ जोड़ दिया गया है... ६- इंडियन एक्सप्रेस… इसे दो भागो में बाट दिया गया है, दि इंडियन एक्सप्रेस और न्यू इंडियनएक्सप्रेस(साउदर ्न एडिसन) - Acts Ministries has major stake in the Indian express and later is still with the Indian कौन्तेर्पर्त ७- दैनिक जागरण ग्रुप… इसके एक प्रबंधक समाजवादीपार्टी से राज्य सभा में सांसद है… यह एक मुस्लिम्वादी पार्टी है. ८- दैनिक सहारा .. इसके प्रबंधन सहारा समूह देखतीहै इसके निदेशक सुब्रोतो राय भी समाजवादी पार्टीके बहुत मुरीद है ९- आंध्र ज्योति..हैदराबाद की एक मुस्लिम पार्टी एम् आई एम् (MIM ) ने इसे कांग्रेस के एक मंत्री के साथ कुछ साल पहले खरीद लिया १०- स्टार टीवी ग्रुप…सेन्ट पीटरपोंतिफिसिअलचर्च, मेलबर्न,ऑस्ट्रेलिया ११- दि स्टेट्स मैन… कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित इस तरह से एक लम्बा लिस्ट हमारे सामने है जिससे ये पता चलता है की भारत की मीडिया भारतीय बिलकुल भी नहीं है.. और जब इनकी फंडिंग विदेश से होती है है तो भला भारत के बारेमेंकैसे सोच सकते है... अपने को पाकसाफ़ बताने वाली मीडिया के भ्रस्ताचार की चर्चा करना यहाँ पर पूर्णतया उचित ही होगा,,,, बरखा दत्त जैसे लोग जो की भ्रस्ताचार का रिकार्ड कायम किया है उनके भ्रस्ताचरण की चर्चादूर दूर तक है, इसके अलावा आप लोगो को सायद न मालूम होपर आपको बता दू की ये १००% सही बात है की NDTV की एंकर बरखादत्त ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है.... प्रभु चावला जो की खुद रिलायंस केमामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला फिक्स कराते हुए पकडे गए उनके सुपुत्र आलोक चावला, अमर उजाला के बरेली संस्करण में घोटाला करते हुए पकडे गए. दैनिक जागरण ग्रुप ने अवैध तरीके से एक ही रजिस्ट्रेसन नम्बर पर बिहार में कई जगह पर गलत ढंग से स्थानीय संस्करण प्रकाशित किया जो की कई साल बाद में पकड़ में आयाऔर इन अवैध संस्करणों से सरकार को२०० करोड़ का घटा हुआ. दैनिक हिन्दुस्तान ने भी जागरण के नक्शेकदम पर चलते हुए यही काम किया उसने भी २०० करोड़ रुपये का नुकशान सरकार को पहुचाया इसके लिए हिन्दुस्तान के मुख्य संपादकसशी शेखर के ऊपर मुक़दमा भी दर्ज हुआ है.. शायद यही कारण है की भारत की मीडिया भी काले धन, लोकपाल जैसे मुद्दों पर सरकार के साथ ही भाग लेती है..... Arvind Mishra
Posted on: Tue, 06 Aug 2013 02:00:23 +0000

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