वैसे तो ज़्यादातर न्यूज़ - TopicsExpress



          

वैसे तो ज़्यादातर न्यूज़ चैनल्स ऐसे ही हैं ,लेकिन ABP News हिन्दुओं की आस्था के साथ सबसे ज़्यादा खिलवाड़ करता है. पिछले दशहरा पर इसने शोर पर डिबेट की, दिवाली वाले दिन प्रदूषण पर छाती पीटी, होली खेलने को पानी की बर्बादी बताया, कल मध्य प्रदेश में हादसे के दूसरे दिन भी हज़ारों भक्तों के वहां पहुँचने को अंधभक्ति कहा. मेरा प्रश्न सिर्फ इतना है कि अगर ये देश सच में secular है, तो फिर आज बकरा ईद पर ये मुगलों की औलाद ABP NEWS क्यों खामोश है ? हम साल में एक दिन शोर कर ले, तो ऐतराज़ ..एक दिन पटाखे जला ले, तो प्रदूषण , एक दिन होली खेल ले, तो पानी की बर्बादी...लेकिन मुल्ले करोड़ों मासूम जानवरों को क्रूरता से क़त्ल कर देते हैं--सिर्फ अपने एक त्यौहार को मनाने के लिए, तो क्यों इस पर कोई डिबेट नहीं होती? सबसे ज़्यादा प्राकृतिक रूप से मनाये जाने वाले पर्व हिन्दुओं के हैं, उन पर अंगुली उठा दी जाती है...लेकिन जो जीते जागते, भगवान के बनाए हुए सुन्दर सुन्दर पशुओं को त्यौहार मनाने के लिए मार के खा जाते हैं (और वो भी बड़ी क्रूरता से मारकर) , तो उनके खिलाफ कोई तथाकथित समाज सुधारक, कोई मीडिया का कुत्ता क्यों भोंकना नहीं चाहता ? कारण साफ़ है. हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहारों और हंसी-ख़ुशी, आनंद वाले दिनों पर भी जब ये ABP रोता पीटता है, तब कोई भी हिन्दू इस पर आपत्ति नहीं करता, न ही कोई इस पर केस ठोंकता है..उल्टा प्रमोद कृष्णन जैसे खान्ग्रेसी संत उसका समर्थन ही करते हैं.. लेकिन अगर ईद पर किये जाने वाले कत्लेआम के खिलाफ किसी ने सवाल उठाने की कोशिश की, तो डिबेट ख़त्म होने से पहले ही पूरे स्टूडियो के चीथड़े उड़ा दिए जायेंगे.
Posted on: Tue, 15 Oct 2013 05:40:53 +0000

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