हाल ही में कपिल सिब्बल का - TopicsExpress



          

हाल ही में कपिल सिब्बल का एक बयान आया था जिसमे उन्होंने कहा था कि अगर राजनीतिक दल RTI के दायरे में आते है तो लोग उनसे उनके "प्रत्याशी चयन प्रिक्रिया" यानी Candidate Selection Procedure के बारे में पूछेंगे...आइये समझने कि कोशिश करते है कि आखिर कपिल सिब्बल जी को ये डर क्यों सता रहा है..... सभी राजनीतिक दलों में ऐसे सांसद और विधायक भरे पड़े है जिन पर आपराधिक या गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है, इनका व्योरा इस प्रकार है: शिवसेना: 75% RJD: 46% JD (U): 44% बीजेपी: 31% कांग्रेस: 22% यानी अगर राजनीतिक दल RTI के दायरे में आते है तो इन्हें डर है कि जनता इनसे पूछने लगेगी कि आपने इन अपराधिक प्रष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को क्यों टिकिट दिया? क्या लोकतंत्र में ये पूछना गुनाह है कि आपने किस प्रत्याशी को टिकिट दिया, उसकी योग्यता क्या है, उसके ऊपर कितने आपराधिक मामले है? क्या आम आदमी को ये जानने का हक नहीं है, है कि जिस जनप्रतिनिधि से उसका भविष्य जुड़ा है, क्या वो वाकई में उस काम के लायक है भी या नहीं??? ज़रा सोचिये..... ------------------------------------------------------------------------------- [1]firstpost/politics/kapil-sibal-defends-decision-to-keep-political-parties-out-of-rti-ambit-1005557.html [2] indiatoday.intoday.in/story/candidates-with-criminal-past-more-likely-to-win-elections/1/297049.html
Posted on: Mon, 05 Aug 2013 07:38:57 +0000

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