हमारे पूर्वाँचल के - TopicsExpress



          

हमारे पूर्वाँचल के ज्यादातर घरोँ मेँ (सभी मेँ नहीँ) ये रिवाज है कि जब उनके परिवार मेँ लङका पैदा होता है तो 12 दिन तक आधी रात तक गला फाङ-फाङ कर सोहर गाया जाता है और उन्हीँ परिवारोँ मेँ लङकी पैदा होने पर शोक मनाया जाता है! अफसोस,ये दोनो कार्य औरतेँ ही करती हैँ जिन्हेँ घर के अन्य सदस्योँ का भी पूरा समर्थन मिलता है। ऐसी दोगली मानसिकता वाले कुछ परिवार खासतौर से स्वंय स्त्रियाँ ही समाज मेँ स्त्रियोँ की गिरती स्थिति के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैँ! मुझे अत्यधिक श्रिँगार पसन्द,गुलाम मानसिकता वाली और बेटियोँ को प्यार के बजाय ताना मारने वाली स्त्रियाँ बिलकुल पसन्द नहीँ है!
Posted on: Tue, 01 Oct 2013 09:32:21 +0000

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