vs एक नौजवान लड़का स्टेशन - TopicsExpress



          

vs एक नौजवान लड़का स्टेशन पर उतरा। लड़के के पास एक छोटा सा संदूक था। स्टेशन पर उतरते ही लड़के ने कुली को आवाज लगानी शुरू कर दी। वह एक छोटा स्टेशन था, जहाँ पर ज्यादा लोग नहीं उतरते थे, इसलिए वहाँ उस स्टेशन पर कुली नहीं थे। स्टेशन पर कुली न देख कर लड़का परेशान हो गया। इतने में एक अधेड़ उम्र का आदमी धोती-कुर्ता पहने हुए लड़के के पास से गुजरा। लड़के ने उसे ही कुली समझा और उसे सामान उठाने के लिए कहा। धोती-कुर्ता पहने हुए आदमी ने भी चुपचाप सन्दूक उठाया और आधुनिक नौजवान के पीछे चल पड़ा। घर पहुँचकर नौजवान ने कुली को पैसे देने चाहे। पर कुली ने पैसे लेने से साफ इनकार कर दिया और नौजवान से कहा ‘‘धन्यवाद ! पैसों की मुझे जरूरत नहीं है, फिर भी अगर तुम देना चाहते हो, तो एक वचन दो कि आगे से तुम अपना सारा काम अपने हाथों ही करोगे। अपना काम अपने आप करने पर ही हम स्वावलम्बी बनेंगे और जिस देश का नौजवान स्वावलम्बी नहीं हो, वह देश कभी सुखी और समृद्धिशाली नहीं हो सकता।’’ धोती-कुर्ता पहने यह व्यक्ति स्वयं उस समय के महान समाज सेवक और प्रसिद्ध विद्वान ईश्वरचन्द्र विद्यासागर थे।
Posted on: Sat, 10 Aug 2013 05:30:40 +0000

Trending Topics



Recently Viewed Topics




© 2015