अटल जैसे कम्युनल और कट्टर व्यक्ति को भारत रत्न देने की मांग करने वालों से पूछिएगा बाबरी मस्जिद की शहादत ,गुजरात के दंगों का दर्द जब वे प्रधानमंत्री थे और देश के एक हिस्से में मुसलमानों का नरसंहार मोदी के चाहने वाले लोग कर रहे थे। तब अटल बिहारी वाजपई क्यों चुप बैठे रहे। इतने में भी मन न भरे तो उन्हें कहिएगा जब गांधी की देशभक्ति की परम्परा को नेहरू और पटेल ,मौलाना आज़ाद जैसे लोग बढ़ा रहे थे तब अंग्रेजों से मुखबिरी करके किसने इतिहास के मुंह पर कालिख पोती थी। खैर ,रवि शंकर प्रसाद हों या मुख्तार अब्बास नकवी अथवा फेसबुक पर संघी कच्छाधारी ,इन्हे न इतिहास की सच्चाई दिखती है और न तो वर्त्तमान का क्रूर सत्य। मोदी तो वैसे ही बदनाम हो चुके हैं इतिहास और भूगोल के मामले में और बदनामी इन संघियों के हिस्से में कोई नई बात नहीं रही है ,इनकी किताबे ,उसमे लिखे झूठ ,इनका अखबार और उसमे नफरत कि स्याही पिछले आठ नौ दशक से देश को अपमान के गर्त में ढकेल रहे हैं। गांधी जी की हत्या करने वाली विचारधारा ,गांधी के बनाए इस मुल्क के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के हकदार कभी नहीं हो सकते। सुन रहे हो न तुम। लिख लो। याद कर लो। थोड़ा और मेहनत करके इसे घोल कर पी लो। ....writes free lance journalist Mohammad Anas
Posted on: Tue, 19 Nov 2013 00:14:39 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015