ईस्लाम मे नाच गाना हराम - TopicsExpress



          

ईस्लाम मे नाच गाना हराम कहा गया है ! लेकीन ईस्लाम को मानने वाले ये बात कीस हद तक अपनी जीदंगी अमल करते है ये बात कीसीसे छुपी नही है ! ऐक आम मुशलमान की बात छोडीये लेकीन क्या अल्हा के वली भी ईस तरह के काम मे लोगो की मदद करेगें ?? अकसर खबरे छपती रेहेती है के फंलाना हीरो हीरोईन फलाने दरबार / मजार पर अपनी िफल्म के िहट होने के लीये चादरपोसी करते है ! ईस मामले मे ज्यादातर लोग ख्वाजा मोईनुदीन चीस्ित के दरबार मे जाते है ! क्या अल्हा के वली ईन नाचने गाने वाले के िफल्मो की कामयाबी के लीये अल्हा से दुआ करेगें ? केसे ईमान वाले मुशलमान है जो चंद पेसौ के लीये वो काम करते है ! जीसका ईस्लाम मे करने की कही भी ईजाजत नही है ! जीस चीज की ईस्लाम ईजाजत नही देता फीर ऊस काम को मजार पर बेठने वाले खािवद/मुजावर ईस्लाम के कीस कानुन के मुताबीक ये अमल कराते है ? और आज कल ऐक नया फेशन चल पडा है पुरा ऐक महीना रोजे रखो फीर आखरी दीन जुलुश मे अच्छे कपडे पेहेनो नाच गाना और पुरे शेहर को दीखाओ के देखो ये हमारा ऊतस्व है ? और ईसमे मुसलीम औरते भी कुछ कम नही है सज धज के चेहेरे पर मेकअप होठो पे लाली और सर को ढंकना तो दुर की बात पल्लु कहा है ईसपे भी कोई ध्यान नही ईनके चेहेरो को कोई देख कर ये नही केह सकते के ईमाम हुसैन की ईन्हे कुछ याद भी है या कीसी तरह का गम भी है ? अरे जाहीलो गेर मुशलीमो को देख कर तुम क्यु अपना मजहब भुल रहे हो ? या तुम लोगो को भी आदत पड गई है दुसरो की तरह के मजहब कुछ केहता है! और आप करते कुछ और है ! नोट:- जो मेरी बात से सेहमत हो वो अपनी राय जरुर दे और अगर मेरे लीखने मे कुछ गलती हुई हो तो ऊसै ऊच्च तर्क पर पडे... रेहान शेख
Posted on: Sat, 28 Sep 2013 08:10:11 +0000

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