क्या गुरु नानक मुसलमान - TopicsExpress



          

क्या गुरु नानक मुसलमान थे? Guru Nanak was Muslim?? बाबा फरीद के शागिर्द थे गुरु नानक - मेरे घर के ठीक सामने एक बहुत बड़ा गुरुद्वारा है, वह इतना बड़ा है कि मेरे घर जैसे 7 घर के विपरीत तरफ़ सिर्फ़ गुरुद्वारा ही है और मेरा घर आधा बीघा से थोड़े कम के क्षेत्रफ़ल में बना है. काकू सिंह नामक एक सिख युवक जो कि मेरा लंगोटिया यार था से भी मुलाक़ात का अवसर प्राप्त हुआ, वह फौज़ी था. बातचीत पुरानी यादों में उलझी हुई थीं कि कैसे हम लोग क्रिकेट खेलते थे कैसे स्कूल से भाग कर गन्ने के खेत से होते हुए जंगल जाकर मोर के अंडे लेट थे, बेर खाते थे वगैरह वगैरह !!! लेकिन काकू सिंह को पता था कि मैं सिर्फ़ एक टूरिज्म/ट्रेवेल गाईड ही नहीं बल्कि इस्लाम की तबलीग़ भी करता हूँ. उसने मुझे कहा कि तुम्हें शयेद पता नहीं सलीम कि गुरु नानक एक बार सऊदी अरब गए थे और वह काबा के पास सो गए थे लेकिन उनका पैर काबा की तरफ़ था तभी वहां के एक सिपाही ने उन्हें कहा कि तुम दुसरी तरफ़ पैर करके सो जाओ क्यूंकि तुम्हारा पैर अल्लाह के घर काबा की तरफ़ है! नानक ने कहा - जिधर अल्लाह न हो मेरा पैर उधर कर दो. तो उस व्यक्ति ने उनका पैर दूसरी तरफ़ कर दिया लेकिन वह देखता क्या है कि काबा भी स्वतः उसी तरफ़ चला गया जिधर गुरु नानक साहब का पैर था... यह अद्भुत दृश्य देख कर वह व्यक्ति आश्चर्य में पढ़ गया और उसने उनका पैर अबकी तीसरी तरफ़ कर दिया लेकिन अबकी बार भी काबा स्वतः खिसक कर तीसरी तरफ़ चला जाता है....! सलीम, तुम्हें शायद पता नहीं होगा मेरे गुरु नानक ने तुम्हारे काबा को इसी तरह कई बार इधर से उधर अपने चमत्कार से खिसकाया था, है कोई जवाब तेरे पास???????????? मैंने काकू सिंह को जवाब दिया मैंने कहा- भाई काकू ! तुम एक पढ़े लिखे इंसान हो और यह अच्छी तरह जानते हो कि जब गुरु नानक थे वह दौर बहुत ज्यादा दूर का नहीं है बल्कि पांच सदी ही गुज़री हैं अभी और वह काल इतिहास की दृष्टि से आधुनिक काल था अर्थात उस वक़्त का इतिहास लिखित में सजीव चल रहा था. इतिहासकार इतिहास लिख रहे थे और दुनियां के किसी भी इतिहासकार के द्वारा यह चमत्कार वाली न तो लिखी गयी और न ही इसका कहीं वर्णन मिलता है. काकू सिंह- नहीं ! यह हमारी किताबों में लिखा है...! मैंने कहा- पहली बात कि चलो गुरु नानक मक्का गए थे, तो मैं आपको बता दूं कि मक्का में काबा में सिर्फ़ मुसलमान ही जा सकता है नॉन-मुस्लिम किसी भी सूरत में नहीं जा सकता. इस हिसाब से तो गुरु नानक मुसलमान होंगे तभी गए होंगे......................! इस तर्क और सत्य को सुनने के बाद वह अपना माथा पकड़कर बैठ गया... कहने लगा- हाँ यार! तुम सच कह रहे हो क्यूंकि मुझे पता है काबा में सिर्फ़ मुसलमान ही जा सकते हैं हिन्दू या किसी अन्य धर्म के लोग नहीं जा सकते... ख़ैर ! रुको मैं पता करता हूँ कि यह कहाँ लिखा है...! हां, ज़रूर पता करना और यह भी पता करना कि काबा के खिसकने का जिक्र किन किन इतिहासकारों ने कहाँ कहाँ करा है. ओके ! - मैंने कहा. आज की अच्छी बात-एक खोज-पिपासु लेखक का सिर्फ़ एक ही कार्य होता है कि जब तक वह अपनी खोज को पूरी नहीं कर लेता चैन से नहीं बैठता है. Admin 02
Posted on: Fri, 11 Oct 2013 05:08:11 +0000

Trending Topics



Recently Viewed Topics




© 2015