क्या भारत का सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय अंग्रेजी समझ सकने वाले केवल तीन प्रतिशत भारतीयों के लिए है? क्या 97 प्रतिशत भारतीयों के लिए अलग से कोई उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय है? हमारे संविधान के अनुच्छेद 348 (1)(क) के तहत उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाहियां केवल अंग्रेजी भाषा में होंगी। जबकि सभी जनगणनाओं के अनुसार अंग्रेजी समझ सकने वाले लोगों की कुल संख्या भारत में तीन प्रतिशत से भी कम है। तो क्या यह देश के 97 प्रतिशत भारतीयों के साथ अन्याय नहीं है?
Posted on: Thu, 11 Jul 2013 12:50:28 +0000