चुनाव आते ही नेताओ के दलबदल की गतिविधिया तेज होना आम बात हो गई है,जो ये बताती है कि नेता जनता को अपना ग़ुलाम समझते है,और अपनी मर्जी से विभिन्न दलो की सैर करते है,और कहते है की मेरी आंख खुली है, तो क्या इतने दिनो से आंखे बंद थी,जैसे की कुछ जानवरो मे पैदा होने के कुछ दिनो बाद आंखे खुलती है!,!,
Posted on: Sat, 31 Aug 2013 12:23:52 +0000
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