पनिया (पानी वाला साँप) - TopicsExpress



          

पनिया (पानी वाला साँप) ‘पनिया आ रहा है,पनिया आ रहा है....’ ‘भैया पनिया आ रहा है,अभी मैं जब पानी भरने गया बाहर नल पे,तो देखा,मेस की तरफ से आ रहा था.’ बलराम,संदीप,कौशल,ब्रिजेश सब ने एक दूसरे की तरफ देखा, अब? ‘गेट बंद कर दो अन्दर से और सब पढने बैठ जाओ,और सुनो सामने वाले पटेल हाउस के मेरी क्लास के मोहित को भी बोल दो’,कौशल ने चार्ज संभाल लिया था ‘ठीक है भैया’ पनिया हमारे हाउस मास्टर का नाम था,वो हमें इंग्लिश पढ़ाते थे,और उनकी खासियत ये थी,कि स को श बोलते थे और वो भी बहुत ही महीन आवाज़ में.इसलिए अगर वो बोलते थे’ इश्श्श दिश्श्श ok,तो हमें सिर्फ हिस्स्स हिस्स्स की आवाज़ ही सुनाई पड़ती थी,इसलिए उन्हें पनिया कहते थे,और वो जहरीले भी नही थे.लेकिन कभी कभी डस लेते थे.एक बार उन्होंने हमें जोक सुनाया था,आल इन आल इंग्लिश,और इसके बाद चेहरा थोडा घुमा के,मुंह पे हाथ रख के जो मुस्काए थे,तो पहले हमने एक दूसरे की तरफ देखा,सबके चेहरे पे question मार्क था,कि जोक खत्म हो गया क्या?,और फिर सर को देख के सब एक साथ तेजी से हँस दिए थे.इससे प्रोत्साहित होकर उन्होंने फिर कई बार डसा,और हमने कई बार हँसा नवोदय संस्था राजीव गाँधी की भारतीय ग्रामीण वर्ग के बच्चों की शिक्षा का महत्वपूर्ण कदम था.भारत के 2 प्रदेशो को छोड़ के अन्य सभी प्रदेशो के अनेक जिलों में नवोदय विद्यालय है, जिनमे छात्रों का चयन कक्षा 5 के बाद एक exam से किया जाता है,और हर जिले से 80 छात्रो को चुना जाता है,जिनकी १२वी तक की पढाई-लिखी का खर्चा केंद्र सरकार वहन करती है.उस उम्र में जब बच्चे कच्ची मिटटी से होते हैं,वो एक आवासीय विद्यालय में सिर्फ और सिर्फ वहाँ के गुरुजनों के हाथों में होते हैं,जिन्हें जैसा चाहे गढ़ा जा सकता है.पर यहाँ पर उनके असली गुरुजन मित्र,सीनियर,हालात और वो खुद होते हैं.यहाँ पर बहुमुखी प्रतिभा के विकास के लिए पढाई,खेल,कला,संगीत,सेवा NSS आदि सिखाते हैं,पर इस बहुमुखी विकास के पथ में वो सब सीखते हैं,सब कुछ. आज शाम को हमने अंडे बनाने का प्रोग्राम रखा था,मेस के खाने से बोर होकर अपने हाथ से कभी कभी बना के खाने का मजा ही कुछ और है ,और यह तब दूना हो जाता है जब यह सब Prohibited हो.स्कूल की boundary के बाहर से शाम हो ही कौशल आलू खोद लाया था,संदीप मेस से कंडे ले आये था, ,बलराम का बक्सा और हीटर था और ब्रिजेश का तो सपना ही होटल में सेफ बनने का था. जूनियर्स मेस से रोटियाँ जेब में डाल के या थाली के पीछे छुपा के,चुरा कर ले आए थे.सीनियर होने का यही फायदा है. 9 बजे डिनर के बाद कभी कभी हाउस मास्टर attendance के लिए आ जाया करते हैं,और आज उन्ही बदनसीब दिनों में एक था.अक्सर कोई न कोई सोते हुए,लड़ते हुए,गाली देते हुए पकड़ा जाता था और फिर सबको डांट पड़ती थी.पर आज backup प्लान पहले से ही तैयार था कुछ देर के बाद जैसे की अंदेशा था, पनिया ने दरवाज़ा खटखटाया..... कौन है साला.... #@$*@#....और ऐसी ही रिश्ता जोड़ने वाले विशेषणों की एक अनवरत धारा कौशल के मुख से बह निकली,जिसने पनिया की कम से कम सात पुस्तों को और उसकी आत्मा को पवित्र कर दिया जिस प्रकार गंगा ने भागीरथ के पूर्वजो को तार दिया था.इस आकस्मिक आघात से आहत हो थोड़ी देर की किंकर्तव्यविमूढ़ता के बाद पनिया ने दोबारा दरवाज़ा खटखटाया ,पर इस बार कुछ मंद आवाज़ में.एक बार फिर गालियों के मंत्रोच्चारण के साथ इस बार वाचक ने आगत को जरासंध बनाने की प्रतिज्ञा भी कर डाली.इस बार पनिया ने और बेज्जती न कराते हुए ऊपर वाले फ्लोर की तरफ रुख किया और वहाँ से एक लड़के को बुला के अपने साथ नीचे ले आया दरवाज़ा खुलवाने के लिए.तीसरी बार जब दस्तक हुई तो,’आता हूँ’ कह के दरवाज़ा खोल दिया गया.. क्रमशः(to be continued)
Posted on: Sun, 21 Jul 2013 06:31:23 +0000

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