बीते 16 अगस्त को दो समाचार - TopicsExpress



          

बीते 16 अगस्त को दो समाचार चैनलों आईबीएन7 और सीएनएन आईबीएन से बिना किसी पूर्व सूचना के लगभग 320 पत्रकारों को निकाले जाने के विरोध में आज जर्नलिस्ट सोलिडेरिटी फोरम (जेएसएफ) ने दोनों चैनलों के गेट के सामने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में भारी संख्या में पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्र संगठनों और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार जेएसएफ के बैनर तले दोपहर दो बजे से विभिन्न संगठनों दिल्ली पत्रकार यूनियन, ,पीपुल्स यूनियन फोर ड्रेमोक्रेटिक राइट्स, जेएनयू छात्र संघ , आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन, ड्रेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन,आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन, स्टूडेंट फोर रेजिस्टेंस और मारुति वर्कर्स यूनियन ने सीएनएन-आईबीएन और आईबीएन-7 के सामने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. गौरतलब है कि पिछले एक दशक में मीडिया में जारी कारगुजारियों को लेकर पत्रकारों द्वारा किया गया ये एक मात्र और अपने तरह का पहला विरोध प्रदर्शन है. Himanshu Kumarजेएसएफ की मांग है कि IBN 7 और CNN-IBN से निकाले गए पत्रकारों को तत्काल वापस नौकरी पर रखा जाए और मीडिया संस्थानों के भीतर यूनियन बनाने के अधिकार की बहाली हो. इसके अलावा सभी मीडिया हाउसों में श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए तुरंत वर्किंग जर्नलिस्ट ऐक्ट लागू करें साथ ही मजीठिया आयोग की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाए. आने वाले समय में जेएसएफ की देश भर के मीडिया संस्थानों से निकाले जा रहे पत्रकारों का डाटाबेस तैयार करने की योजना है. साथ ही जल्द से जल्द मीडिया में जारी छंटनी को लेकर एक पब्लिक मीटिंग बुलाने का भी फैसला लिया गया है. प्रदर्शन के दौरान जेएसएफ ने विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों से भी मुहिम के समर्थन की अपेक्षा जताई । प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए कारपोरेट के पत्रकारिता पेशे पर बढ़ते हुए दबाव का जमकर विरोध किया. प्रदर्शन में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, वरिष्ठ पत्रकार सुरेश नौटियाल, सुरेन्द्र ग्रोवर, भूपेन सिंह, भड़ास फार मीडिया के संपादक यशवंत सिंह, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता पी के शाही, दिल्ली जर्नलिस्ट यूनियन से एस के पांडे, वरिष्ठ पत्रकार राजेश वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार, , वरिष्ठ पत्रकार हैदर रजा, सामाजिक कार्यकर्ता महताब आलम ने मीडिया में बढ़ते भ्रष्ट्राचार कारपोरेटों का बढ़ता दखल और कांट्रैक्ट कर्मचारियों के शोषण पर अपने विचार रखे. भूपेन सिंह ने कहा कि कारपोरेट समाचार चैनलों के संपादकों को यह साफ करना होगा कि वे चैनल में हिस्सेदार है या एक पत्रकार की भूमिका में काम कर रहे है. वरिष्ठ पत्रकार सुरेश नौटियाल ने आब्जर्वर समाचार पत्र के साथ हुए संघर्ष और मीडिया संस्थानों में यूनियन की जरूरत को लेकर महत्वपूर्ण बातें साझा की.
Posted on: Wed, 21 Aug 2013 17:22:03 +0000

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