मित्रों ................... क्या आपको यह जान कर खुशी नहीं होगी की............ फेसबुक के मंच पर एक ऐसे वक्ती भी हम लोगो के संपर्क में है........... जो जमीन पर कुछ करने में विश्वास रखते है........ .... ..... मित्रों.......... देश की कोई भी समस्या हो .......... उसका समाधान....... उस पर भड़ास ........... सबसे सही तरीके से हम ही लोग निकाल पाते है.............. लेकिन केवल फेसबुक पर............ ... ..... .. मुझे यह स्वीकार करने में जरा भी जिझक नहीं हो रही है........की........ कुछ छोटे मोटे सामाजिक कार्यो को छोड़ दे तो.......... सबसे जयादा चिंतन मै फेसबुक पर ही करता हूँ.......... इसे आप......समय की कमी भी कह सकते है......... या सामाजिक कार्यो के लिए प्रतिबद्ध लोगो के संपर्क में न रहना भी कह सकते है...... ..... .... अभी तक तो मै मित्र ही समझता था ......... पर कल रात से उनके प्रति सम्मान बढ़ गया है.......... अतः उन्हें मित्र से थोडा ऊपर ही रखना होगा............. मित्रो ............... कल रात मैंने .........फेसबुक ...पर........खानाबदोश की कहानी पढ़ी और देखी भी......... सच कहू तो आश्चर्य नहीं हुआ ............ लेकिन एक बात जरूर कहना चाहूँगा .....उनके लिए.......... .... ....मिटाना चाहा था लाख जमाना मगर.. ....कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं......... .... मित्रो आप यकीन करेंगे की ..... एक बुलेट ............ एक आदमी को ले कर .......यू पी से होते हुए ........... बिहार/बंगाल/उड़ीसा/आन्ध्रा/केरला/तमिलनाडु/कर्नाटका/महारास्ट्र/मध्यप्रदेश/गुजरात/राजस्थान/पंजाब/दिल्ली/उत्तराखंड........और फिर यू पी ...बनारस......तक.... ..... .... क्या हुआ..........चक्कर आने लगा.......... मित्रो ये रूट .हिन्दुस्तान के आखरी छोर से ........... देश के लिए सहादत देने वालो के याद में .......४५ दिन तक....... अपना घर बार छोड़ कर..........खानाबदोसो की जिन्दगी जीता हुआ....... बस हमलोगों को याद कराने के लिए की ....... की जिस जमीन पर बैठ कर हमलोग तू तू मै मै कर रहे है..... उसको उन लोगो ने अपने खून से सीचा है............ इस मिट्टी में .देश के सहीदो का स्वाभिमान मिला हुआ है........... इसका अपमान ना करो.......... घूमता रहा....... ना दिन का पता...ना रात का......... कभी पेड़ के नीचे सोया ........... कभी लोगो के दिलो में रहा........... कभी तेज़ धुप में पसीने को पिया........... पर लक्ष्य एकदम साफ़ था.......... ......... ......उन सभी सहीदो की जन्मस्थली पर खुद जा कर ............. उस जमीन की मिट्टी को अपने सरीर में लगा कर......... उन सहीदो से ये वादा करना की ........... अभी हम उन्हें भूले नहीं है............ और उनका देखा हुआ सपना हम जरूर पूरा करेंगे........... उनकी सहादत को हम जाया नहीं होने देंगे............ ....... ....... ........ मित्रो भावनाये तो इतनी जयादा उमड़ रही है..........की......... क्या क्या ना लिख दू.............. पर मै जनता हूँ..........की इन जैसे लोगो के बारे में लिखने में ........... सदिया भी कम पड़ेगी.........अतः अपनी बातो को विराम देते हुए............. अंत में मै उस ........सच्चे देशभक्त से मिलवाना चाहता हूँ......... ....... उनका नाम है..........शैलेश कुमार पाण्डेय........... ....... ..... अगर आपको मेरी लिखी बातो पर आपको विश्वास न हो तो ........... नीचे दिए लिंक पर खुद जाये ..और खुद फैसला करे....की........ हमलोगों में कितने लोग ऐसा कर सकते है........ ....... ........Shailesh Kumar Pandey shared an album: ALAKH 2011-A journey across Bharat.. ........ ..... मित्रों सारी फोटो देखने के बाद ..एक कमेन्ट जरूर दे.......... आपकी तरफ से ........खानाबदोश ......के लिए यही सलाम होगा.
Posted on: Thu, 24 Oct 2013 08:27:22 +0000
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