मुझे दुःख और तकलीफ इस बात - TopicsExpress



          

मुझे दुःख और तकलीफ इस बात की है, कि मैं अगर हिसार में आऊँ और आपसे यह कहूं कि मुझे हिसार के किसी स्कूल में चपरासी बना दो, तो आप कहोगे, राजीव भाई, आपकी क्वालिफिकेशन क्या है? और मैं कहूं कि मरी कोई क्वालिफिकेशन नहीं है, तो मुझे किसी स्कूल का चपरासी भी नहीं बनाओगे। और कल को अगर मैं हरियाणा का चीफ मिनिस्टर बन कर आ गया, तब क्या करोगे? तो उसी जीरो क्वालिफिकेशन से अगर मैं हरियाणा का चीफ मिनिस्टर बन कर आया तो मेरे गले को मालाओं से लाद दोगे और जिंदाबाद इतनी करोगे, कि सारा शहर बहरा हो जाए। यह विडम्बना है, हमारे देश की। जिस आदमी को मिनिमम क्वालिफिकेशन के आधार पर किसी स्कूल का चपरासी नहीं बनाया जा सकता, वह व्यक्ति मुख्य मंत्री हो सकता है, राज्यपाल हो सकता है, प्रधान मंत्री हो सकता है। राष्ट्रपति हो सकता है। विडम्बना, पता है, इस देश की क्या है, कि जिस व्यक्ति ने ज़िन्दगी में कभी हल नहीं जोता, वह कृषि मंत्री। सालों साल ऐसे लोग शिक्षा मंत्री रहे इस देश में, जो कभी स्कूल नहीं गए पढने के लिए। मैं बस नाम नहीं ले रहा हूँ, बाकी आप को सब पता है। एक व्यक्ति, जिसने इस देश में कभी चाय की दूकान भी नहीं चलाई, वह वर्षों, वर्षों वाणिज्य मंत्री रहा। फाइनेंस का जिसको ABCD नहीं आता, वह सालों सालों इस देश में वित्त मंत्री रहता है। जिसने कभी अपने बेटों और बेटियों को कभी सेना के लिए भेजा नहीं कुर्बान होने को, वह देश का रक्षा मंत्री रह सकता है। और जिसे अपनी रक्षा करने के लिए, सैंकड़ों जवान लगते हों, वह देश की रक्षा क्या करेगा ? सोचो आप, जिस व्यक्ति को ज़िन्दगी में विज्ञान और तकनीकी का अंतर पता नहीं है, वह साइंस और टेक्नोलॉजी का मंत्री रह सकता है। और जिसको इनमें से कुछ भी पता नहीं है, वह प्रधान मंत्री हो सकता है इस देश का ! यह विडम्बना है इस देश की। अज्ञानी व्यक्ति ज्ञानियों पर शासन कर सकता है। और हमारे शास्त्रों में कहा गया है, वेदों में कहा गया है, कि अगर अज्ञानी व्यक्ति जब ज्ञानी व्यक्तियों पर राज करे, तो समझ लेना कि देश और समाज का बंटाधार ही होना है। हमारे देश में यही हो रहा है। हर अज्ञानी, ऐरा-गैरा, नत्थू-खैर जो किसी नेता की चप्पलें उठाता था, उसके जूते पोलिश करता था, जिसने किसीके घर में रोटियाँ बना कर खिलायीं, वे राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं। ऐसी स्थिति है हमारे देश में। उनकी क्वालिफिकेशन ही एक है, कि किसी के घर में रोटियाँ बना कर खिलायीं तो राष्ट्रपति हो गए! ऐसी बन्दर-बाँट मची है इस देश में। और यह उस देश में, जिसकी आजादी के लिए 7 लाख, 32 हज़ार लोग कुर्बान हुए हैं, उस देश में ! मुझे बहुत दुःख होता है, तकलीफ होती है -!! admin ----> Sachin Varshney
Posted on: Sat, 17 Aug 2013 11:09:42 +0000

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