यह सिर्फ भारत में ही होता - TopicsExpress



          

यह सिर्फ भारत में ही होता है कि इन राजनेताओंकी , जनप्रतिनिधियों की लापरवाही, अकर्मण्यता की कीमत भुखी प्यासी जनता चूका रही है, और फिर भी वह खामोश है। आंतकी हमले में अपने परिवारजनों को खो रही है फिर भी शांत और सयांमित है। बेरोजगारी और कुपोषण से त्रस्त है फिर भी पथरीली आँखों से उज्वल भविष्य के सपने संजो रही है। आज भी अपने जवान बेटों को सिर पर कफ़न बांध कर सीमा पर भेज रही है और कुर्बानियों को तैयार है। यह सिर्फ भारत में ही होता है! यकींन मानीयें। ये सिर्फ भारत में ही होता है! प्रधानमंत्री जी आज आपकी आवाज निकल आई। जब खुद पर बीतती है तो दर्द होता है। क्या आपने कभी दामिनी का दर्द महसूस हुआ आपको? आम आदमी की महंगाई की मार से बेहाल जिस्म का दर्द महसूस हुआ? सिर कटी तिरंगे में लिपटी लाशो को देख क्या एक मां की पीड़ा को महसूस किया आपने? तब क्यों नहीं आपकी आवाज में दर्द, पीड़ा, टीस महसूस हुयी? आत्महत्या करते किसानो को देख कभी ख्याल आया उनकी जिंदगी बचाने का? दामिनी की अस्मिता को नोंच खाने वाले दरिंदो के खिलाफ देश क्रोध की आग से उबल रहा था तब आप कहाँ थे प्रधानमंत्री जी? नक्सली हमारे पुलिसकर्मियों को गोली से उडा रहे थे तब आप खामोश क्यों थे? हाँ आपको दर्द महशुस होता है जब कोई आंतकी पकरा जाता है। रात की निंद गायब हो जाती है कमाल है वोट तंत्र पर राजतंत्र भारी पर जाता है। मंत्रिमंडल के कई सहयोगी जब तिहाड़ जेल की हवा खा रहे हो, भ्रष्टाचार की कालिख जब हर बन्दे के चहरे पर नजर आ रही हो ये कहना लाजमी है! घोटाले दर घोटाले होते रहे, लूटमार चलती रही तब तक क्या प्रधानमंत्रीजी सोये हुए थे? अब आंच जब खुद को लगने लगी तो दर्द महसूस हो रहा है? घोटालो की रिपोर्ट बदली जा रही थी तब आप कुम्भ्करनी नींद में मशगुल थे, सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने में व्यस्त महकमे के साथ आप भी तो शामिल थे। आदर्श घोटल हो या २जी -३जी। सब आपके टीम के ही सदस्य थे सम्मिलित। अब जब आप ही खेल के मैदान में उतरने वाली टीम के कप्तान थे तो आपकी जिम्मेदारी तो बनती ही है कॅप्टन के तौर पर। प्रधानमंत्री जी कोयले की कालिख तो इतनी गहरी है कि अब तक का आपका साफसुथरा चेहरा भी धब्बेदार दिखने लगे तो ताज्जुब क्या?
Posted on: Sat, 31 Aug 2013 04:56:56 +0000

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