हम समझते हैं कि सोशल मीडिया सकारात्मक विचारों के आदान प्रदान का एक बहुत अच्छा मंच है, इस पर हम प्रतिदिन उभरती प्रतिभाओं और बुधिजीवीयों के विचारों से कुछ नया सीखते हैं ई परन्तु यह भी देखा गया है चाहे वो सोशल मीडिया हो या इन्टरनेट के दूसरे माध्यम हों बहुत सारे लोग इस के द्वारा अनाप शनाप बातें ,भद्दे मजाक वगैरह करते हैं जिस से बचना चाहिए , अपनी प्रशंसा ही नहीं परन्तु आलोचना भी सुननी चाहिए लेकिन आलोचना साफ़ सुथरी हो उसमें गालीयाँ या व्यक्तिगत अशिष्ट टिप्पणियाँ नहीं होनी चहिये . सोशल मीडिया पर लिखने के अंदाज़ से व्यक्ति के चरित्र का आभास हो जाता है.... 36 minut
Posted on: Fri, 04 Oct 2013 03:19:37 +0000
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