2011 का जनलोकपाल आंदोलन सिर्फ अन्ना की वजह से इतना बड़ा बना था, क्योंकि लोग अन्ना में एक संत देखते हैं. लोगों को अन्ना का त्याग दिखाई देता है. अन्ना में सत्ता की लालसा नहीं है, यही बात भारत के लोगों के दिल में समा चुकी है. इसलिए जो समर्थन अन्ना को 2011 में मिला, वह 2013 में अरविंद केजरीवाल को नहीं मिल सकता है. भारत में लोग आंदोलन करने वाले का त्याग देखते हैं और चुनाव लड़ने वालों की आंखो में उन्हें सत्ता की भूख नजर आती है.बिना स्वार्थ के आंदोलन करने वालों को देश की जनता का हमेशा समर्थन मिला है, लोगों का प्यार मिला है, जो किसी भी राजनीतिक दलों के नसीब में नहीं है.
Posted on: Mon, 26 Aug 2013 09:11:56 +0000
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