Akhilesh Malav शोषण क्या है? यह भी - TopicsExpress



          

Akhilesh Malav शोषण क्या है? यह भी बहुत बड़ा सवाल है. क्या दो जातियोँ के बीच ही शोषण हो सकता है? मेरे खयाल से शोषण कमजोर पर ताकतवर की हुकूमत है. दो सगे भाईयोँ मेँ भी ताकतवर अपने से कमजोर पर शोषण करता है, कम जायदाद देकर/ कम अधिकार देकर... अगर कोई कहे कि शोषण सिर्फ ब्राम्हण या ब्राम्हणवादी जाति करती थी तो फिर उससे सबसे पहला सवाल यही पूछा जाना चाहिए कि आदिवासी भी राजा महाराजा होते थे, जंगलोँ के या पर्वतीय इलाकोँ के, शोषण उन्होँने भी किया होगा. बात है आधुनिक राजनीति की और जातिवाद की. अगर शोषण/ छुआछूत आदि ही इस राजनीति का कारण होता तो मैँ फिर कह रहा हुँ सिर्फ SC या कुछ केस मे ST ओरियंटेड पार्टियाँ ही अस्तित्व मेँ आ पाती. लोकतंत्र मेँ हर एक का वोट बराबर होता है. हमारे समाज की सच्चाई है जाति। शादी से लेकर रीतिरिवाज तक जातियोँ मेँ होते है. सरकारी औफिस मेँ जाओ तो अपनी जाति का नेता/अफसर मिलने पर काम जल्दी बनता है चाहे वो एक दूसरे को जानते भी नहीँ हो. इसलिए आज लोकतंत्र मेँ हर जाति अपनी भागीदारी चाहती है अगर किसी जाति का 10 विधानसभाओँ मे 40% वोट है अब वो जाति अपनी परंपरागत पार्टी से 4 सीटोँ की माँग करती है. पार्टी 1 सीट पर राजी होती है और अंतत: वो जाति सभी 10 जगह अपना अलग चुनाव लड़ती है. अब जीतती 1 ही हो लेकिन अपनी परंपरागत पार्टी को 5 सीटोँ का नुकसान कराया तो पार्टी के नेता बोलते हे कि हम तो जातिवाद के कारण हारे? क्या यह जातिवाद था! यह जातिवाद नहीँ बल्कि उस जाति की जागृति थी. आज की जातिवादी राजनीति का यही कारण है एकदम लोजिकल है. इसके अलावा कुछ SCs scholar लोगोँ ने मूलनिवासी नाम की बकवास फैला रखी है वो एकदम इललोजिकल है. पहली बात तो निरपेक्ष रुप से कोई कहीँ का मूलनिवासी नहीँ है. वो कहते है कि SC/ST/OBCs एक जुट हो. यह दुनियाँ का सबसे बड़ा जोक है. रफ आईडिया से राजस्थान मेँ ST मेँ लगभग 5 जातियाँ है जिनमेँ उतनी ही दूरिया है जितनी बाकि जातियोँ मै. इसलिए देश मेँ OBC की लगभग 3000, ST की 50-100 और SC की 100-200 जातियोँ मेँ ऐसी बात करना सिर्फ कौमेडी ही है. हर जाति का अपना अस्तित्व है. यह मूलनिवासी थ्योरी भीमराव अंबेडकर भी नकार चुके है. यह अवसरवादीता से ज्यादा कुछ नहीँ लगती. आज के मूलनिवासी रचियता SC/ST के साथ ओबीसी को इसलिए जोड़ने की कोशिष करते है क्योँकि अकेले SC/ST 25% भी नही है इसलिए पहली स्टेज मेँ ही फैल. ओबीसी लगभग (55% आबादी) पर नजर इसलिए है क्योँकि इसके बिना इनकी राजनैतिक महत्वकांशा कभी पूरी नहीँ हो सकती. इसलिए A.C कमरोँ मेँ बैठकर ST/SC/OBC प्लांन तो बना लेते है लैकीन इनको यह नही पता कि SC/ST एक्ट के फर्जी शिकार सबसे ज्यादा ग्रामीण OBCs ही है.
Posted on: Tue, 01 Oct 2013 06:02:03 +0000

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